लचर व्यवस्था। 108 में ऑक्सीजन खत्म मरीज की तडप-तड़प कर मौत।
चम्पावत— चम्पावत जिला अस्पताल में आंख के ऑपरेशन के दौरान मरीज की हालत बिगड़ने पर 108 के माध्यम से हायर सेंटर रेफर किये जाने के दौरान रास्ते मे ही 108 आपात स्वास्थ्य सेवा में ऑक्सीजन खत्म होने से मरीज के दम तोड़ने की घटना सामने आई है। प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की जंहा इस शर्मशार करने वाली घटना ने एक बार फिर पोल खोल कर रख दी है। वही जिला अस्पताल व 108 की लापरवाही की वजह से एक मरीज को बेवजह अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
इस पूरे घटना क्रम में चंपावत जिला अस्पताल से बीती शाम आँख के ऑपरेशन के दौरान एक मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था। वही चम्पावत जिला अस्पताल से रेफर किये गए मरीज को लेकर मात्र 35 किलोमीटर दूर अमोड़ी में 108 आपात सेवा की ऑक्सीजन खत्म हो जाने पर मरीज ने दम तोड़ दिया।वही स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी लापरवाही की वजह से जंहा एक मरीज को अपनी जान गवानी पड़ी है। तो दूसरी तरफ जिला अस्पताल चम्पावत में मरीज के शव को वापस लाये जाने पर डॉक्टर म्रतक मरीज के परिजनों के सामने अपनी गलती मानने से साफ इंकार करते रहे। जबकि चम्पावत जिला अस्पताल में मरीजो से इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के मामले पूर्व में भी सामने आते रहे है। इस पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल यह यह कि आँख के छोटे ऑपरेशन के दौरान ऐसी क्या लापरवाही बरती गई कि मरीज की हालत बिगड़ गई व उसे आनन फानन में हायर सेंटर रेफर करना पड़ा। जबकि दूसरी तरफ 108 जैसी आपस स्वास्थ्य सेवा के टेक्निकल स्टॉफ को इतना तक नही पता था कि वाहन में कितनी ऑक्सीजन मौजूद है। जबकि वह एक गम्भीर अवस्था के मरीज को जिला अस्पताल से हायर सेंटर को लेकर निकले थे। स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी लापरवाही से जंहा एक बार फिर एक मरीज को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है वही अस्पताल प्रशासन इस घटना की जांच की बात कर लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ अब कार्यवाही की बात कर रहा है।।फिलहाल एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे की एक बड़ी चूक ने प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत को सामने लाने का काम किया है। भले ही प्रदेश की सरकार सूबे की जनता को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुहैया कराए जाने के लाख दावे करती हो।