दिव्य हिमगिरि पत्रिका एसोसिएट ऑफ सेल्फ फाइनैंस्ड इंस्टीट्यूट्स द्वारा 12 अक्टूबर को जीएमएस रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड की 36 शख्सियतों पर आधरित ‘‘साधारण व्यक्तिः असाधारण उपलब्धियां’’ पुस्तक का विमोचन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस पुस्तिका में प्रकाशित उत्तराखंड की 36 शख्सियतों को उत्तराखंड रत्नश्री सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ. योगेन्द्र नरायन माथुर, आईएएस (रि.) उपस्थित रहे। डाॅ. योगेन्द्र नरायन माथुर सूचना के अधिकार कानून के प्रणेता भी माने जाते हैं। कार्यक्रम की शुरूआत सभी अतिथियों ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया। इसके बाद दिव्य हिमगिरि पत्रिका के संपादक कुंवर राज अस्थाना ने सभी अतिथियों को संबोधित करते हुए उनको धन्यवाद दिया। उन्होेंने कहा कि पत्रिका के प्रकाशन के आठ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। पत्रिका द्वारा समय समय पर इस तरह के उत्साहवर्द्धक कार्यक्रम आयेजित करके लोगों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इसके बाद पुस्तक का विमोचन एवं सम्मान समारोह हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ. योगेन्द्र नरायन माथुर ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से अलग-अलग क्षेत्र के लोगों को यह सम्मान दिया गया वह काफी प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि हमारी जिंदगी का यह उद्देश्य होना चाहिए कि हम किस प्रकार दूसरे लोगों की जिदंगी को बेहतर बना सकें। हमें समाज और राष्ट्र के हित में कार्य करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार को यह सुझाव दिया था कि ग्रामीण क्षेत्र में एडमिनिस्ट्रेशन के सुधार के लिए अलग से रूरल एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस बनानी चाहिए। जो सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों मे काम करें और जिनमें डाक्टर भी हो, रेवन्यू स्टाॅफ भी हो और पुलिस भी हो। साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर नई शिक्षा नीति को बेहतर बनाने के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी और संबंद्ध काॅलेजों के बीच आपसी संवाद से चीजों को सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ काॅलेजों के प्रिन्सिपल और चेयरमैन की कमेटी बनाकर सभी परेशानियां विश्वविद्यालय के समक्ष रखी जाएं, जिससे उन समस्याओं का समाधान हो सके। इस अवसर पर श्री सुभाष कुमार लोकपाल (विद्युत) ने अपने संबोधन में कहा कि सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में हमारे आर्मी के जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, उनके लिए कोई सुविधाएं नहीं हंै। जब वह मुख्य सचिव थे तो स्वयं 27 कि.मी. पैदल जाकर आर्मी के जवानों की हालत का जायजा लेते थे। उस समय उनके प्रयासों से उन सैनिकों की स्थिति में काफी सुधार आया। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कोई अधिकारी या शिक्षक नौकरी नहीं करना चाहता। उन्होंने स्वयं गांवों में पैदल जाकर फिल्ड की समस्याओं को देखा और उनको हल करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि जब वह मुख्य सचिव थे तब वह पहाड़ों में निरीक्षण के लिए पैदल कई-कई कि.मी. जाया करते थे उस समय उनके साथ कोई डाॅक्टर और अधिकारी जाने के लिए तैयार नहीं होता था। इसके बाद डा. आर. के जैन ने रूरल एरिया एवं पहाड़ों में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में 50 प्रतिशत जगह पर चिकित्सक नहीं हंै। उन्होंने बताया कि मैंने सरकार को यह सुझाव दिया था कि हमें सबसे पहले अपने 13 जिलों में स्थित अस्पतालों पर ध्यान केंद्रीत करना होगा और वहां पर अच्छे डाॅक्टरों की सुविधाएं देनी होगी जिससे इस समस्या से निपटा जा सकता है। इस अवसर पर एसोसिएशन आॅफ सेल्फ फाइनैंस्ड इंस्टीट्यूटस के अध्यक्ष डाॅ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति से आने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय में प्रशासन और संबद्ध काॅलेजों के बीच आपसी तालमेल की कमी के कारण छात्रों को परेशानी होती है। एकेडमिक कैलेंडर के तहत संबद्ध काॅलेजों में परीक्षाएं आयोजित नहीं होती जिससे छात्रों के गुस्से का सामना काॅलेज प्रशासन को करना पड़ता है। एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार परीक्षा संपन्न न हो पाने के कारण रिजल्ट भी देर से आते हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वाल यूनिवर्सिटी से जो काॅलेज 2009 से पहले के एक्ट के तहत संबद्ध हैं उन काॅलेजों की परमानेंट एफिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को इस तरह से लागू किया जाए कि उसमें बाद में अमेंडमेंट की आवश्यकता न पड़े। नई शिक्षा नीति प्रैक्टिकल अप्रोच के आधार पर बनायी जाए। इस अवसर पर नई शिक्षा नीति संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर भी परिचर्चा भी की गई। जिसमें देहरादून के काॅलेजों के चेयरमैन और प्रिन्सिपल ने भाग लिया। सम्मानित होने वाली शख्सियतों में श्री सुभाष कुमार रिटायर्ड आईएएस लोकपाल (विद्युत), डाॅ आर. मीनाक्षी सुंदरम आईएएस सचिव कृषि, रेशम, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, पशुपालन, सहकारिता एवं विद्यालयी शिक्षा, डाॅ. आशीष श्रीवास्तव आईएएस, उपाध्यक्ष एमडीडीए, श्री महंत देवेन्द्र दास जी दसवें सज्जादानशीं श्री गुरु राम राई दरबार साहिब, पद्मश्री डाॅ. आर.के. जैन अध्यक्ष उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग, न्यायमूर्ति केडी शाही पूर्व न्यायाध्ीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं पूर्व अध्यक्ष उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, न्यायमूर्ति श्री राजेश टंडन अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य विधि आयोग, डाॅ. आर.के. वर्मा अध्यक्ष उत्तराखंड फिल्म चैंबर आॅफ कामर्स, पदमश्री वैद्य बालेंदु, डाॅ. अश्वनी कांबोज चेयरमैन आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल, श्री राजीव घई संस्थापक निदेशक कुमांऊ गढ़वाल चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स, श्री नरेन्द्र बिन्द्रा पूर्व अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग, श्री प्रेम कश्यप चेयरमैन द पेसलवीड स्कूल, सरदार हरपाल सिंह सेठी प्रदेश सरपरस्त उत्तराखंड पंजाबी महासभा, डाॅ. अलकनंदा अशोक निदेशक वुमेन इंस्टीट्यूट आॅपफ टेक्नोलाॅजी, अनिल मारवाह समन्वयक फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आॅफ उत्तराखंड, डाॅ. गीता खन्ना अध्यक्ष समर्पण सोसायटी, गगनजोत मान प्रबंध निदेशक दून इंटरनेशनल स्कूल, हरेन्दर सिंह चैहान चेयरमैन ड्रूल प्फूडस प्रा. लि., शिल्पी अरोरा अध्यक्ष वाॅटर संस्था, डाॅ. सुनील अग्रवाल अध्यक्ष एसोसिएशन आॅफ सैल्फ फाइनैंस्ड इंस्टीट्यूट आॅफ उत्तराखंड, एडवोकेट मनमोहन कंडवाल अध्यक्ष बाॅर एसोसिएशन देहरादून, डाॅ. अंजली नौरियाल प्रसिद्ध अंग्रेजी पत्रकार, श्री संदीप गुप्ता निदेशक दून डिफेंस एकेडमी, डाॅ. हरीश घिल्ड़ियाल प्रसिद्ध प्लास्टिक एवं काॅस्मेटिक सर्जन, डाॅ. सुमिता प्रभाकर वरिष्ठ स्त्राी रोग एवं आईवीएफ विशेषज्ञ, डाॅ. महेश कुड़ियाल प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन, श्री आर.ए.खान. निदेशक प्रयाग आईएएस अकादमी, श्री अरविंद गुप्तासवि रोलर स्केटिंग एसोसिएशन आॅफ उत्तराखंड, वीरेन्द्र सिंह रावत संस्थापक अध्यक्ष देरहादून फुटबाॅल एकेडमी, श्रीमति वीणा अग्रवाल संस्थापक कनक कला केन्द्र इंस्टीट्यूट आॅपफ भरतनाट्यम, डाॅ. नवीन जोशी एसोसिएट प्रोफेसर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, श्रीमति रमा गोयल अध्यक्ष भारतीय वैश्य फेडरेशन एवं दून संस्कृति, चैधरी दरियाव सिंह चेयरमैन दून ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, श्री गुरदेव सिंह वार्ने प्रबंध निदेशक उत्तराचंल काॅलेज आॅफ बायोमेडिकल सांइसेस एंड हाॅस्पिटल, श्री अरविंद कुमार गुप्ता चेयरमैन डाॅल्फिन गु्रप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, बीसीके मिश्रा प्रबंध निदेशक उत्तराखंड पाॅवर काॅरपोरेशन शामिल थे।
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