Report-vijay rawat
MDDA विभाग भ्रष्टाचार का वह पुलिंदा बन गया है जहां पर कुछ बिल्डरों को बचाने के लिए विभाग पूरी फाइल ही गायब कर देता है।
जब एक अपीलकर्ता ने सहस्त्रधारा रोड पर बन रहे पेसिफिक गोल्फ स्टेट की फाइल RTI द्वारा लेनी चाही तो विभाग द्वारा RTI से कोई जवाब नही मिला, उसके बाद जब अपीलकर्ता ने प्रथम अपील का सहारा लिया तो अपीलकर्ता को बरगलाने के लिए गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई जिसकी मांगी गई जानकारी सहस्त्रधारा रोड़ स्तिथ पेसिफिक गोल्फ स्टेट से कोई लेना-देना ही नहीं था।
उसके बाद जब अपीलकर्ता सूचना आयोग में अपनी अंतिम शिकायत दर्ज कराई तो आयोग द्वारा तब मांगी गई सूचना और दी गयी सूचना पर अधिकारी से समानता पूछी गयी ,जब MDDA के लोक सूचना अधिकारी से सवाल किया गया तो लोकसूचना अधिकारी के पास इसका कोई जवाब देते न बना, आयोग की फटकार के बाद एमडीडीए विभाग को दोबारा आदेशित किया गया कि वह पेसिफिक गोल्फ स्टेट के भवन निर्माण की फाइल अपीलकर्ता को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं।
मगर एमडीडीए विभाग द्वारा आयोग की बात भी अनसुनी की गई आयोग द्वारा आदेशित करने के बाद भी अपीलकर्ता को कोई फाइल एमडीडीए द्वारा नहीं दी गई ,जब अपीलकर्ता ने इस बात पर जोर डाला कि आखिर उन्हें जनहित में डाली गई अपील की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है तो एमडीडीए विभाग के अधिकारी इसपर फाइल इधर-उधर होने की बात का कहने लगे और अपीलकर्ता को इस बात का विश्वास दिलाने लगे कि उन्हें फाइल अभी नहीं मिल रही है जैसी ही फाइल मिलती है तो वह अपीलकर्ता को खुद ही सूचित करेंगे ।