सेनेटाइजिंग को खरीदी मशीनें खराब तो सेनेटाइजर ड्रमों में निकला पानी
– निगम द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हो रहा जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
– पार्षदों ने लगाया घोटाले का आरोप
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल….
कोटद्वार। विश्व में फैली राष्ट्रीय आपदा घोषित कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में सेनेटाइजिंग करने के लिये नगर निगम द्वारा खरीदी गई मशीनें जहां खराब हो गयी हैं, वहीं खरीदे गये सेनेटाइजर ड्रमों में भी पानी निकला है। यह आरोप लगाते हुए नगर निगम कोटद्वार के पार्षदों ने कहा कि, निगम तो निगम, निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से मशीनों सहित अन्य सामान की खरीदारी में भी घोटाले किये जा रहे है। जिसके खिलाफ पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय में प्रदर्शन करने के बाद उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द ही मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
इस क्रम में पार्षदों ने कहा कि, राष्ट्रीय आपदा कोरोना महामारी के समय निगम द्वारा मशीनों सहित अन्य सामान की खरीदारी की जा रही है। लेकिन आपदा के समय निगम के कर्मचारियों की मिली भगत से घोटाले किये जा रहे है। निगम द्वारा कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के लिए स्प्रे मशीनों की खरीदारी की गई। लेकिन यह सब मशीनें खराब पड़ी है। नतीजा क्षेत्र में कहीं भी छिड़काव नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, निगम द्वारा आपदा सामग्री की खरीद फरोख्त में कमीशनखोरी के कारण घटिया माल खरीदा जा रहा है। निगम द्वारा अपने चहेतों को लाभ देने के उद्देश्य से कोटद्वार की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
आलम यह है कि, सैनेटाइजर की जगह पानी के ड्रम खरीदें जा रहे है। जिसकी यदि कोई शिकायत करता है तो स्थानीय प्रशासन उन्हें धमका रहा है कि, शिकायत कर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उक्त मामले की जांच कर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व में नगर पालिका परिषद और नगर निगम कोटद्वार में एक के बाद एक कई घोटाले अब तक सामने आ चुके हैं। लेकिन किसी भी मामले में जांच से आगे कार्रवाई नहीं बढ़ पाई है। ज्ञापन देने वालों में सौरव नौडियाल, अमित नेगी, मीनाक्षी कोटनाला, अनिल नेगी, मनीष भट्ट, गिंदीदास, ज्योति सिंह, कमल नेगी, विपिन डोबरियाल, प्रवेन्द्र सिंह रावत आदि शामिल थे।