उत्तराखंड बीते दिनों से उत्तराखंड कांग्रेस में आपसी मतभेद देखने को मिल रहा है। जहां पूर्व विधायक से लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रदेश अध्यक्ष भी एक दूसरे पर तंज कस रहे हैं।
बता दे पूर्व विधायक तिलक राज बेहड़ ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कांग्रेस के भीतर क्षेत्रीय व जातीय संतुलन नहीं है। उनके इस बयानबाजी के बाद कांग्रेस में थोड़ी सी हलचल मच गई इसमें उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस को दिल्ली जाकर माफी मांगने चाहिए। उनके इस बयान के समर्थन में पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह जी भी कूद पड़े। बेहड़ का समर्थन करते हुए प्रीतम सिंह ने प्रदेश समन्वय ना होने के लिए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी निशाना साधा। इस बयान का पलटवार करते हुए प्रदेश अध्यक्ष करण महारा प्रीतम सिंह का नाम लिए बिना ही उन पर निशाना साधते हुए कहा कुछ नेताओं को प्रदेश संगठन का मौका मिला तो ठीक ढंग से पूरे प्रदेश का दौरा भी नहीं कर सके।
इस आपसी मतभेद के चलते व उल जलूल बयानबाजी के चलते प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले भी प्रदेश के नेताओं की ऐसी बयानबाजी की वजह से पार्टी को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
चंपावत चुनाव का जिक्र करते हुए महारा ने कहा की पार्टी प्रत्याशी की हार की वजह भी वरिष्ठ नेताओं की बयानबाजी थी। ऐसे में उन्होंने आने वाले निकाय व पंचायत और लोकसभा चुनाव के लिए भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा की वरिष्ठ नेताओं की ये बयानबाजी आने वाले चुनाव पर असर कर सकती है। और उन्होंने कहा की पार्टी में जिला व महानगर अध्यक्षों की नियुक्ति सभी वरिष्ठ नेताओं की राय लेकर की गई है।ओर पलटवार करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी से ऊपर नहीं है ना तो यह नेता पार्टी की किसी भी महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेते हैं और न तो मांगने पर सुझाव देते है। और अब अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं।