बड़ी खबर: चर्चित IPS प्रवीण सूद होंगे CBI के नए चीफ। जानिए कौन है प्रवीण सूद
कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को सीबीआई का नया निदेशक बनाया गया है. सूद की नियुक्ति की अधिकारिक घोषणा हो चुकी है. सीबीआई का अगला निदेशक चुनने के लिए प्रधानमंत्री, CJI और नेता विपक्ष की बैठक कल शनिवार रात को प्रधामनंत्री आवास में हुई थी।
फिलहाल प्रवीण सूद की नियुक्ति के आदेश जारी हो चुके हैं. उन्हें सीबीआई डायरेक्टर की नई जिम्मेदारी दी गई है. प्रवीण सूद 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, वह जनवरी 2020 में कर्नाटक के डीजीपी बने थे. अब वह 25 मई को CBI के डायरेक्टर के रूप में चार्ज लेंगे।
2023 के परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस पार्टी की हो रही है. इसके साथ ही एक नाम और है जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. वो नाम है प्रवीण सूद. दरअसल, कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई का अगला डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. राज्य में कांग्रेस के बहुमत आने के बाद केंद्र सरकार ने रविवार (14 मई) को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया।
शनिवार (13 मई) की शाम को नए सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए एक हाईलेवल मीटिंग हुई थी. इसमें प्रधानमंत्री मोदी, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. बैठक में सीबीआई का नया डायरेक्टर चुनने के लिए नामों पर चर्चा की गई और बाद में प्रवीण सूद के नाम पर मुहर लगा दी गई।
इसके अलावा, कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का सेहरा जिसके सिर पर बांधा जा रहा है, डीके शिवकुमार ने प्रवीण की भरपूर आलोचना की थी. डीके शिवकुमार ने उन्हें ‘नालायक’ तक कह दिया था. शिवकुमार ने कहा था कि हमारे DGP इस पद के लायक नहीं हैं. वह तीन साल से DGP हैं, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं. उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए।
शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन बीजेपी नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया. हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है. उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी. शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानिए कौन हैं सीबीआई के नए डायरेक्टर परवीन सूद
आईपीएस प्रवीण सूद का जन्म 1964 में हुआ था. वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्होंने IIT दिल्ली से स्नातक किया है. वह 1986 में IPS अधिकारी बने थे. 1989 में वह पुलिस अधीक्षक मैसूर रहे, वह बेंगलुरु शहर में पुलिस उपायुक्त, कानून और व्यवस्था के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 1999 में वह 3 साल के लिए मॉरीशस सरकार के पुलिस सलाहकार के रूप में विदेश प्रतिनियुक्ति पर गए थे।