उत्तराखंड : देहरादून में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से कुछ दिन पहले, एडीएम पद की तैनाती में देरी का मुद्दा सामने आया है। स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयासों के बावजूद, नए अधिकारी की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है, जो प्रदेश सरकार द्वारा दी गई चुनौतियों का कारण बन रहा है। इस परिस्थिति ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को उत्तराखंड में पॉलिटिकल पैरालिसिस की चिन्हित करने का मौका दिया है, जबकि प्रदेश कांग्रेस ने अफसरों की उपयुक्तता की मांग की है।
विवादों के बावजूद, देहरादून में होने वाले समिट और आगामी वीआईपी इवेंट्स के संदर्भ में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को नई चुनौतियों का सामना करना है। दूसरी ओर, विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों की नियुक्ति में देरी की जा रही है, जिससे एडीएम (प्र) की अभाव तकनीकी प्रगति और विकास की दिशा में रुकावट डाल सकती है।
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता के बावजूद, पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी चुनौती दी है कि एडीएम प्रशासन की तैनाती को लेकर किसी अनुभवी और निर्णायक अफसर की नियुक्ति महत्वपूर्ण है। यह विचारने योग्य है कि इस सीट पर किसी काबिल अधिकारी की तैनाती से न केवल नई योजनाओं को तेजी से लागू किया जा सकेगा, बल्कि अधिकारी की निर्णायकता भी सुनिश्चित होगी।
इस विस्तृत समाचार से यह साफ होता है कि देहरादून की स्थिति प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति में देरी और अधिकारी की कड़ी आवश्यकता के बारे में है। आगामी इवेंट्स के साथ, सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि राजधानी के विकास में कोई ब्रेक ना लगे।