उत्तराखंड : उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों के आज कुछ देर बाद ही बाहर निकलने की आशा जताई गई है। बाहर निकलने पर श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच के लिए अस्थाई अस्पताल भी टनल में बनाया गया है। 41 स्ट्रेचर तैयार किये गये हैं। साथ भी एनडीआरएफ के जवान भी मोजूद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर पहुंच गये हैं। अगले एक घंटे में मजदूरों के बाहर निकलने की पूरी संभावना है।
टनल में फंसे श्रमिकों के लिए काले चश्मे भी उनके पास भिजवाये गये हैं। मैनुअल ड्रिलिंग में लगे 24 मजदूरों की मेहनत का अच्छा नतीजा सामने आ रहा है। 24 घंटे में निकालने का दिलाया था भरोसा।टनल से बाहर निकालने के बाद मजदूरों को सीधे अस्पताल ले जाया जायेगा। वही टनल से अस्पताल तक जाने के रास्ते को पूरी तरह खाली कराया गया है ताकि अस्पताल पहुंचने में किसी तरह की देरी या बाधा न हो। रस्सी और सीढ़ी भी टनल में पहु़चा दी गई है।
श्रमिकों को निकालने से पहले वहां तैनात एंबुलेंस की माक ड्रिल की जा रही है। सभी एंबुलेंस लाइफ सेविंग मोड पर रखी गई है।
उधर टनल के बाहर गांव वालों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी ये चाहते हैं कि मजदूर सुरक्षित और सकुशल बाहर निकल जायें।
उधर सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में यहां बनाये गये अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग की गई।
सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन के हेड को निकालने का कार्य पूरा कर लिया गया था। अब मैन्युअली काम करते हुए पाइप को कुल 55.3 मीटर पाइप पुश कर लिया गया है। हालांकि अभी अभी बड़ी खबर आई है कि टनल में पाइप डालने का काम पूरा हो चुका है।
अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया अब तक 44 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। आगे का कार्य भी पूरी तेज़ी एवं सावधानी से किया जा रहा है।
इस दौरान सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।