उत्तराखंड सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना को प्रस्तुत करने के लिए पहला मजबूत कदम उठाया है। इस महायोजना के तहत हस्ताक्षरित एमओयू (समझौता ज्ञापन) को धरातल पर उतारने के लिए देश और दुनिया के दिग्गज उद्योगपति देहरादून पहुंचे हैं। इसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सक्रिय उपस्थिति भी शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड को जीतने का संकल्प किया और भविष्य की दिशा में सकारात्मक भावना जताई। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के उद्घाटन में, उन्होंने 44 हजार करोड़ रुपये के निवेश की ग्राउंडिंग की। इससे साफ होता है कि उनका उत्साह और प्रतिबद्धता राज्य के विकास के प्रति है।
मोदी ने उत्तराखंड के विकास को लेकर अपनी दृष्टि साझा करते हुए कहा कि वह पहाड़ के पानी और जवानी को बचाएंगे और राज्य को समृद्धि की ऊँचाइयों तक पहुंचाएंगे। इसके साथ ही, उत्तराखंड के उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए अंब्रेला ब्रांड हाउस का लॉन्च भी किया गया, जो राज्य को विश्वस्तरीय बाजार में प्रमोट करने का एक सकारात्मक कदम है।
समिट में प्रधानमंत्री ने भारत की अस्थिरता के खिलाफ एक और नमूना प्रस्तुत किया, कहते हुए कि भारत अब अपनी ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने और विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने आकांक्षी भारत की ऊर्जा मानकों को पूरा करने के लिए ऊर्जा पंप स्टोरेज और दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की घोषणा की।
इस समय, जहां प्रधानमंत्री ने देश की ऊर्जा और अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ते हुए हर्ष की बातें की, वहीं उन्होंने एक सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान दिया। मध्यम वर्ग की खर्च की क्षमता में वृद्धि के संकेत के साथ ही, उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने का संकल्प लिया, जो सामाजिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समिट के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी राज्य के उद्योग और विकास के प्रति अपना समर्पण दिखाया। उन्होंने महान विभूतियों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए प्रधानमंत्री मोदी को विश्व गुरु बनाने की दिशा में काम करने की सराहना की।
समिट में अडानी समूह के निदेशक प्रणव अडानी और जिंदल समूह के प्रतिनिधि सज्जन जिंदल ने भी राज्य की नीतियों की सराहना की और उन्होंने भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अपनी राय साझा की।
यह समाचार यह दिखाता है कि उत्तराखंड ने आत्मनिर्भरता और विकास के क्षेत्र में नए दिशानिर्देश तय किए हैं और विश्व भर से उद्योगपति और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है।