मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा के मामले में समर्पित कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की है। चिन्हित मार्गों पर क्रैश बैरियर्स का पूरा होना चारधाम यात्रा से पहले एक महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम में सुधार हो सकता है। ब्लैक स्पॉट्स पर नियमित सुरक्षा ऑडिट एक सकारात्मक कदम है, जिससे दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। पार्किंग क्षेत्रों में डोरमिट्री की व्यवस्था ने वाहन चालकों के लिए एक आरामदायक विकल्प प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर जनपदों में जागरूकता बढ़ाने के लिए लघु फिल्में बनाने और स्कूलों में इस विषय को शामिल करने का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री ने इस दिशा में प्रबंधन और पुलिस के साथ मिलकर अतिक्रमण को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई की बात की है। उन्होंने पुलिस और परिवहन विभाग के कैमरों का इंटीग्रेशन और ब्लैक स्पॉट्स की संख्या को घटाने के लिए सकारात्मक कदमों की मांग की है। बैठक में बताया गया है कि राज्य में ब्लैक स्पॉट्स की संख्या को चिन्हित करने के लिए अभी तक 165 स्थानों को चिन्हित किया गया है, और उनमें सुधार के लिए कार्रवाई की जा रही है। सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए परिवहन विभाग ने 52 हजार पुस्तकें शिक्षा विभाग को प्रदान की हैं और जनपदों में चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क्स की स्थापना की जा रही है।