Weather update: उत्तराखंड में मानसून की एंट्री, आज राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी..
देहरादून: उत्तराखंड में रिमझिम बारिश के साथ दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की एंट्री हुई। राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कई जनपदों में शुक्रवार सुबह से हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने मानसून आगमन की पुष्टि करते हुए अगले कुछ दिन प्रदेश के कई क्षेत्रों में बरसात का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। आगामी तीन जुलाई तक पहाड़ से मैदान तक हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना रह सकता है।
जबकि 30 जून और 2 जुलाई को उत्तराखंड राज्य के जनपदों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।
आज येलो और कल ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने आज शनिवार 29 जुलाई को राज्य के जनपदों में हल्की से मध्यम बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है जबकि अल 30 जुलाई को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हो सकती है। उत्तरकाशी, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
देहरादून, अल्मोड़ा, पौड़ी, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और टिहरी में आकाशीय बिजली चमकने व गर्जन के साथ तीव्र बौछार पड़ सकती हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
30 जून और 2 जुलाई को भारी से अत्यंत भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने 30 जून और 2 जुलाई को उत्तराखंड राज्य में भारी से अत्यंत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विशेष कर राज्य के देहरादून, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जनपदों में भारी से भी अत्यंत भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है जबकि अन्य सभी जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है।
उत्तराखंड में पहुंचा मानसून
आईएमडी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून शुक्रवार को उत्तरी राज्यों में प्रवेश कर गया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मानसून ने कवर कर लिया है। साथ ही गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तरी पंजाब और बिहार में आगे बढ़ चुका है।
मानसून में 10 फीसदी अधिक वर्षा के आसार
उत्तराखंड में एक मार्च से 31 मई तक ग्रीष्मकाल में सामान्य से 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इसके बाद एक जून से मानसून सीजन की शुरुआत में भी प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्र सूखे रहे।
हालांकि, जून के तीसरे सप्ताह में पर्वतीय क्षेत्रों में प्री-मानसून शावर तेज हो गए। कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार और तेज हवा चलने का दौर जारी रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में मानसून पहुंच चुका है, जो कि सामान्य के करीब ही माना जाएगा। प्रदेश में इस बार मानसून में सामान्य से करीब 10 प्रतिशत अधिक वर्षा का अनुमान है।