व्यापार कर विभाग द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर FIR…
उत्तराखंड राज्य में तम्बाकू उत्पादों के वितरण के संबंध में वायरल फर्जी नियुक्ति पत्र के संबंध में कोतवाली डालनवाला में दर्ज किया गया अभियोग..
देहरादून: उत्तराखंड में तंबाकू उत्पादों की वितरण को लेकर राज्य सरकार की छवि धूमिल करने का मामला सामने आया है.जानकारी के मुताबिक कुछ अज्ञात साजिशकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर राज्य सरकार का एक ऐसा फर्जी पत्र वायरल किया गया है.एक फर्जी पत्र में दिल्ली की एक कम्पनी को राज्य में तम्बाकू उत्पादों की खरीद और वितरण व्यवस्था के लिए राज्य नोडल एजेंट के रूप में नामित किये जाने की जानकारी दी गई हैं.साथ ही उक्त कंपनी द्वारा 25 लाख रुपये प्रति वर्ष राज्य सरकार को भुगतान दिए जाने के संबंध में अपर सचिव जगत सिंह रौतेला के जाली हस्ताक्षर कर एक कूटरचित एवं फर्जी नियुक्ति पत्र प्रसारित किया जा रहा है.जबकि उत्तराखंड शासन द्वारा ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है.ऐसे में सरकार की छवि धूमिल करने के मामलें में डालनवाला पुलिस कार्रवाई द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई हैं..
फर्जी वायरल पत्र में ये सब झूठी जानकारी दी गई..
कोतवाली डालनवाला पुलिस के अनुसार 18 जनवरी 2025 को व्यापार कर विभाग के सहायक आयुक्त-राजीव तिवारी द्वारा कोतवाली में एक लिखित तहरीर दी गई.तहरीर में बताया गया कि एक वायरल पत्र जिसमें उत्तराखंड सरकार द्वारा तम्बाकू उत्पादों की खरीद और वितरण का कार्य मेसर्स इंडसन भारत कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड, प्लॉट नंबर 30, द्वितीय तल, शिवाजी मार्ग, नजफगढ़ रोड, नई दिल्ली नाम की कंपनी के निदेशक रमा कांत राम तथा समीर दास को राज्य में तम्बाकू उत्पादों की खरीद और वितरण व्यवस्था के लिए राज्य नोडल एजेंट के रूप में नामित किये जाने की झूठी जानकारी दी गई.इतना ही नहीं सोशल मीडिया में उक्त कंपनी द्वारा 25 लाख रुपये प्रति वर्ष राज्य सरकार को भुगतान दिए जाने के संबंध में अपर सचिव जगत सिंह रौतेला के हस्ताक्षर किया गया एक कूटरचित एवं फर्जी नियुक्ति पत्र प्रसारित किया जा रहा है.जबकि उत्तराखंड शासन द्वारा ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है.इससे साफ जाहिर होता हैं कि राज्य सरकार की छवि धूमिल करने के लिए उक्त कूटरचित फर्जी पत्र को प्रसारित किया जा रहा है.
पुलिस ने इस मामलें में लिखित तहरीर के आधार पर कोतवाली डालनवाला पर मु0अ0सं0 – 11/25 धारा- 318(4), 356(3) BNS बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया है, जिसमें अग्रिम विवेचनात्मक कार्रवाई प्रचलित है..