हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए रेरा की अभिनव पहल
24 अप्रैल की वर्कशॉप में बायर्स, बिल्डर्स, एजेंट्स सहित रेरा के अन्य स्टेकहोल्डर्स भी होंगे शामिल, मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन करेंगे उद्घाटन
देहरादून
उत्तराखंड रियल एस्टेट अथॉरिटी (रेरा) ने सभी बिल्डर्स, बायर्स, एजेंट्स सहित अन्य हितधारकों को एक मंच पर लाने की अभिनव पहल की है। इसके लिए 24 अप्रैल को एक वर्कशॉप सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरिम में आयोजित की जा रही है। चार सत्रों में आयोजित की जाने वाली इस वर्कशॉप का उद्घाटन मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन करेंगे।
उत्तराखंड रेरा के चेयरमैन पूर्व आईएएस अधिकारी श्री रबीन्द्र पंवार ने बताया कि इस वर्कशॉप मे रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों एवं मौजूदा चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की जायेगी, ताकि उनके समाधान की रणनीति बन सके और राज्य मे एक बेहतर रियल इस्टेट इकोसिस्टम विकसित हो सके।
वर्कशॉप में शासन, प्रशासन, आवास, शहरी विकास, विकास प्राधिकरण, टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग, बैंक आदि के अधिकारीगण, चार्टर्ड एकाउन्टेंट, इंजीनियरर्स, आर्किटेक्ट्स, अधिवक्तागण के द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा।
कार्यशाला के नॉलेज सत्र में रेरा के सदस्य श्री नरेश मठपाल और श्री अमिताभ मैत्रा द्वारा विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया जायेगा, जिसमें विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से जुडे मुद्दों एवं राज्य मे ‘रेरा’ के क्रियान्वयन की प्रगति तथा प्रमुख कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला जायेगा।
कार्यशाला के तीसरा सत्र पैनल डिस्कशन का होगा। इस सत्र में बायर्स और बिल्डर्स के साथ ही आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि, रेरा के अधिकारी और लीगल एक्सपर्ट हिस्सा लेंगे। रेरा सदस्य श्री नरेश मठपाल, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के उत्तराखंड प्रतिनिधि श्री मनोज जोशी, लीगल एक्सपर्ट श्री अमन राब एवं देहरादून के सिद्धार्थ अपार्टमेंट्स से श्री एस के जैन बतौर पैनलिस्ट अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे। इस सत्र का संचालन देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक श्री अनूप नौटियाल करेंगे। इसके अलावा ओपन हाउस सेशन में प्रतिभागियों को अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दिया जायेगा।
रेरा उत्तराखंड के चेयरमैन श्री रबीन्द्र पंवार ने आशा व्यक्त की कि वर्कशॉप के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। श्री पंवार ने कहा कि वर्कशाप से निकलने वाले महत्वपूर्ण नीतिगत सुझावों को ‘रेरा’ स्तर पर विश्लेषित कर शासन को संदर्भित किया जायेगा ताकि रियल इस्टेट सेक्टर को और अधिक गति राज्य मे मिल सकें तथा इस सेक्टर मे मौजदू विवादों व शिकायतों को और कम किया जा सके।