गंभीर रूप से घायल श्वेता को तत्काल जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया जाना था। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
वार्ड ब्वॉय की शर्मनाक हरकत
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दो वार्ड ब्वॉय स्ट्रेचर लेकर पहुंचे। जब वे शव को ले जा रहे थे, तभी एक वार्ड ब्वॉय ने महिला के शव पर चादर ओढ़ाई और मौका देखकर उसके कानों से एक-एक कर दोनों कुंडल उतार लिए। ये पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई है।
यह वार्ड ब्वॉय न केवल श्वेता के शव का अपमान कर रहा था, बल्कि उसने उसके साथ एक घिनौनी चोरी भी की। इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए।
जनता का गुस्सा और पुलिस का बयान
मृतका के परिजनों को जब इस घटना का पता चला, तो उन्होंने तुरंत हंगामा कर दिया और वार्ड ब्वॉय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अस्पताल प्रशासन ने CCTV फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बयान दिया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने आरोपित वार्ड ब्वॉय को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।
क्या अब शव भी सुरक्षित नहीं रहे?
इस घटना ने पूरी तरह से मानवता की परिभाषा को झकझोर दिया है। जब अस्पताल में मृतक के शव तक की इज्जत नहीं बची, तो क्या यह हमारे समाज की गहरी समस्या का प्रतीक नहीं है?
अब सवाल उठता है कि क्या अब किसी मृत व्यक्ति का शव भी सुरक्षित नहीं रहेगा? क्या अस्पतालों को और सख्त सुरक्षा प्रबंध नहीं करने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके?
जिम्मेदार कौन?
यह घटना सिर्फ एक वार्ड ब्वॉय की करतूत नहीं है, बल्कि यह अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था, उसके नकारेपन और सिस्टम की खामी को उजागर करती है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
निष्कर्ष:
यह घटना केवल चोरी नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह के अपमान का सामना न करना पड़े। ऐसे मामलों में अगर कार्रवाई तेज और प्रभावी होती है, तो शायद हम समाज में एक बेहतर बदलाव देख सकें।