नैनीताल (Nainital): उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने उपनल (UPNL – Uttarakhand Purva Sainik Kalyan Nigam Ltd) कर्मचारियों के नियमितीकरण (Regularization) को लेकर एक बार फिर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। अदालत ने आदेशों की अवहेलना (Violation of Court Order) के मामले में नवनियुक्त सचिव (Newly Appointed Secretary) को अवमानना (Contempt) का नोटिस जारी किया है।
क्या है मामला? | What is the Case?
वर्ष 2018 में कुंदन सिंह और अन्य की जनहित याचिका (Public Interest Litigation – PIL) पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि उपनल कर्मियों को नियमित किया जाए, उनके वेतन से टैक्स न वसूला जाए, न्यूनतम वेतन (Minimum Wages) दिया जाए और एरियर (Arrears) का भुगतान किया जाए।
हालांकि इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई थी, लेकिन वहां भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया। बावजूद इसके, राज्य सरकार ने अब तक न तो नियमावली (Service Rules) बनाई और न ही कर्मचारियों को नियमित किया।
सचिव का तबादला, जवाबदेही अब नए अधिकारी पर | Transfer of Secretary, New Officer Held Accountable
पूर्व में आदेशों की अवहेलना को लेकर तत्कालीन सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका (Contempt Petition) दाखिल की गई थी, लेकिन अब उनके स्थानांतरण (Transfer) के बाद विभाग का कार्यभार आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन (IAS Anand Vardhan) को सौंपा गया है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि अब नए सचिव को पक्षकार (Party in Case) बनाया जाए और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलब (Seek Response) किया जाए।
कोर्ट का रुख सख्त, प्रशासन में हलचल | Strict Court Stand Creates Buzz in Administration
कोर्ट ने मुख्य सचिव (Chief Secretary) को भी दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई की तिथि 12 जून, 2025 तय की गई है। कोर्ट की इस सख्ती के बाद प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है और सभी की निगाहें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
