मवेशियों पर हमला, ग्रामीणों में दहशत
सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ दिनों में भालू ने छानियों में बंधे मवेशियों (Cattle Attacked by Bear) पर हमला किया, जिसमें कुछ गाय-बैल की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए। यह घटना न केवल पशुपालकों के लिए आर्थिक नुकसान है, बल्कि गांव में मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-Wildlife Conflict) का एक और उदाहरण बनकर सामने आई है।
खेतों और स्कूलों में जाना बना खतरा
इन दिनों गांव में खेती-बाड़ी (Farming Work) का सीजन चल रहा है, लेकिन भालू के डर से ग्रामीण खेतों तक जाने से बच रहे हैं। यही नहीं, पिछले 24 दिनों से गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था (Education Disruption) भी प्रभावित हो रही है। इस कारण अब अध्यापक बच्चों को गांव में ही जाकर पढ़ाने को मजबूर हैं।
वन विभाग की कार्रवाई जारी
इस पूरे मामले पर बालगंगा रेंज भिलंगना के वन क्षेत्राधिकारी (Forest Officer, Bal Ganga Range) जितेंद्र चोहान ने जानकारी देते हुए बताया:
“पिछले कई दिनों से हमारी टीम गांव के चारों ओर गश्त कर रही है। हालांकि अभी तक भालू नजर नहीं आया है, हम प्रयासरत हैं और उम्मीद है कि जल्द ही भालू को पकड़ लिया जाएगा।”
ग्रामीणों की मांग: शीघ्र कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों (Local Villagers) की मांग है कि वन विभाग जल्द से जल्द इस भालू को पकड़ने की व्यवस्था करे ताकि गांव में फिर से सामान्य स्थिति बहाल हो सके। अभिभावकों ने विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है और प्रशासन से त्वरित कदम उठाने की अपील की है।
