अतिक्रमण के मामले में दंडित हो चुकी हैं मेयर
Public Interest Litigation (PIL) में यह दावा किया गया है कि वर्ष 2013 में मेयर कल्पना देवलाल ने तत्कालीन नगर पालिका परिषद की भूमि पर अवैध निर्माण (illegal construction on municipal land) किया था, जिसके चलते उन्हें अर्थदंड (monetary penalty) दिया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि वे सार्वजनिक पद पर रहने के योग्य नहीं हैं।
याचिकाकर्ता की प्रमुख मांगें
याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि कल्पना देवलाल को पिथौरागढ़ नगर निगम के मेयर पद से हटाया जाए (removal from mayor post) और इसके लिए पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी और राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दिए जाएं।
कोर्ट की सुनवाई और अगली तारीख
यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में हुई। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission), उत्तराखंड सरकार और पिथौरागढ़ नगर निगम की दलीलें सुनने के बाद मेयर को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
