त्रिकाल शराब ब्रांड पर आबकारी विभाग सख्त, लगाया बैन
धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले ब्रांड पर कार्रवाई, राज्य में निर्माण व बिक्री पूर्णतः प्रतिबंधित
देहरादून, 27 मई 2025 — उत्तराखंड में हाल ही में सामने आए एक विवादित शराब ब्रांड ‘त्रिकाल’ को लेकर राज्य में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में यह दावा किया जा रहा था कि यह ब्रांड सरकार से जुड़ा है और इसके नाम से हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह ब्रांड रेडिको खेतान लिमिटेड कंपनी द्वारा अन्य राज्यों में लॉन्च किया गया है, लेकिन उत्तराखंड में इस ब्रांड को न तो अनुमति मिली है और न ही इसे रजिस्टर्ड किया गया है। इसके बावजूद यह गलत प्रचार किया जा रहा था कि ‘त्रिकाल’ ब्रांड उत्तराखंड में उपलब्ध है और सरकार की ओर से इसे समर्थन प्राप्त है।
इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आबकारी आयुक्त हरिंद्र सेमवाल ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में त्रिकाल या मिलते-जुलते नाम से किसी भी मदिरा ब्रांड के निर्माण, बिक्री या पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। विभाग ने संबंधित कंपनी को भी निर्देशित किया है कि ऐसा कोई भी ब्रांड राज्य में न तो लाया जाए और न ही भविष्य में लाने की कोशिश की जाए।
धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त
आबकारी विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि “त्रिकाल” नाम देवी-देवताओं से जुड़ा हुआ है और इसे शराब ब्रांड के रूप में उपयोग करना भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं का अपमान है। विभाग ने कहा कि इस तरह की अफवाहें न केवल सांप्रदायिक तनाव फैला सकती हैं बल्कि राज्य की सांस्कृतिक छवि को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
FIR और कानूनी कार्रवाई के निर्देश
विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सोशल मीडिया पर इस ब्रांड से संबंधित भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही साइबर अपराध की धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
आबकारी विभाग की जनता से अपील
आबकारी विभाग ने उत्तराखंड की जनता से अपील की है कि वे इस प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करें और ऐसी किसी भी जानकारी की पुष्टि तुरंत संबंधित प्रशासन से करें ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
