बैठक में तय किया गया कि अब राज्य की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जाएगा। एक ही जमीन की कई बार बिक्री, कम भूमि को अधिक दर्शाना और नकली दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री जैसे मामलों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन और जिम्मेदारियों का स्पष्ट निर्धारण किया जाएगा।
प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने कहा कि आम लोगों की लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया गया है। रजिस्ट्रार कार्यालयों में तकनीकी संसाधनों को बढ़ाया जाएगा और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी ताकि भविष्य में कोई गड़बड़ी होने पर सटीक कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि इस दिशा में मिले कई बेहतर सुझावों को अमल में लाया जाएगा और शीघ्र ही इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी किए जाएंगे।
गौरतलब है कि राज्य में पिछले कुछ समय से रजिस्ट्री से जुड़ी धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिसमें एक ही जमीन को कई लोगों को बेचना, अधिक भूमि दिखाकर रजिस्ट्री कराना और जाली दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कराना शामिल हैं। इससे आमजन की जीवनभर की कमाई तो लुट रही थी, साथ ही उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं में भी उलझना पड़ रहा था।
अब सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह अंकुश लगेगा, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।