प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान के अनुसार, तीनों नेता लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। यही कारण है कि पार्टी ने कीरत सिंह, चतर सिंह और सुलेमान अली को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया है।
कौन हैं निष्कासित नेता और क्या हैं आरोप?
🔹 कीरत सिंह (अध्यक्ष, पोखड़ा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी)
कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार होने के बावजूद कीरत सिंह ने विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया। पार्टी ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया।
🔹 चतर सिंह (अध्यक्ष, खिर्सू ब्लॉक कांग्रेस कमेटी)
चतर सिंह पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में उतरने का आरोप है। प्रदेश कांग्रेस ने इसे भी गंभीर अनुशासन उल्लंघन मानते हुए उन्हें निष्कासित किया।
🔹 सुलेमान अली (पूर्व प्रदेश प्रवक्ता)
सुलेमान अली पर लंबे समय से पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप था। देहरादून महानगर कांग्रेस कमेटी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए निष्कासन का निर्णय लिया।
पार्टी ने क्या कहा?
कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात ने कहा:
“कांग्रेस एक अनुशासित संगठन है। पार्टी लाइन से हटकर कोई भी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि संगठनात्मक मर्यादा बनी रहे।”
राजनीतिक संदेश स्पष्ट
पार्टी के इस निर्णय से साफ संकेत मिलते हैं कि चुनावी समय में अनुशासनहीनता या गुटबाजी की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस संगठन अपनी एकजुटता और नीति के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।