मामले का खुलासा:
सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार धनंजय गिरी ने एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में तीसरी मंजिल पर स्थित फ्लैट को 40 लाख रुपये में बेचने का झांसा दिया। भरोसा जताते हुए अधिकारी ने उसे ₹5 लाख का चेक अग्रिम भुगतान के रूप में दे दिया। लेकिन बाद में पता चला कि जिस फ्लैट की बात हो रही थी, उस पर पहले से ही एक निजी बैंक का लोन बकाया है, जिसे हटाया नहीं जा सकता।
पुलिस में शिकायत:
धोखाधड़ी का आभास होते ही अधिकारी ने पुलिस से संपर्क किया। काठगोदाम थाना प्रभारी पंकज जोशी के अनुसार, ठेकेदार धनंजय गिरी के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही उस निजी बैंक के अज्ञात अधिकारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है, जिसने लोन की जानकारी छिपाई।
धनंजय गिरी का बैकग्राउंड:
जानकारी के मुताबिक, धनंजय गिरी पहले ठेकेदारी के कार्यों में सक्रिय था और उसका राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में अच्छा प्रभाव था। उस पर हल्द्वानी के कई थानों में पूर्व से ही गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सूत्रों की मानें तो उसने ब्याज माफियाओं और कुछ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था। वर्तमान में वह हल्द्वानी से फरार बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि निष्पक्ष जांच जारी है और जरूरत पड़ने पर धनंजय से जुड़े अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।