उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आज से चार दिवसीय विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। इस दौरान सरकार अनुपूरक बजट के साथ 9 महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करने जा रही है। वहीं विपक्ष ने शुरुआत से ही आक्रामक तेवर दिखाए हैं।
कार्यमंत्रणा बैठक में ही विपक्ष का हंगामा
सोमवार देर रात हुई कार्यमंत्रणा बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की अध्यक्षता में संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत अन्य दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से बचना चाहती है और जल्दबाजी में सत्र खत्म करने की योजना बना रही है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि –
“सभी विधेयकों की जानकारी और उनसे जुड़े दस्तावेज विपक्ष को उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि उन पर गंभीरता से चर्चा हो सके।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में पंचायत चुनाव नियमों को ताक पर रखकर कराए गए और इस दौरान कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं।
विधानसभा अध्यक्ष ने लिया तैयारियों का जायजा
मॉनसून सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ध्वनि गूंज की समस्या के समाधान और ई-सेवा प्रणाली की सफल टेस्टिंग को लेकर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम से कार्यवाही अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी।
साथ ही महिला जनप्रतिनिधियों की सुविधा को देखते हुए गैरसैंण विधानसभा में एक विशेष कक्ष निर्धारित करने की भी जानकारी दी गई।
गैरसैंण की सड़कों पर भी गरमाएंगे मुद्दे
जहां सदन के भीतर कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सदन के बाहर आंदोलनकारी संगठन भी सड़कों पर उतरेंगे।
-
कांग्रेस के स्थानीय संगठन शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को लेकर विशाल धरना-प्रदर्शन करेंगे।
-
नगर पंचायत गैरसैंण अध्यक्ष मोहन भंडारी 20 अगस्त को जनप्रतिनिधियों और महिला मंगल दलों के साथ विधानसभा तक पैदल मार्च और रैली निकालेंगे।
-
भुवन कठैत गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में धरना देंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं किया गया तो 70 विधायकों का सामूहिक पुतला दहन किया जाएगा।
निष्कर्ष
गैरसैंण विधानसभा का यह सत्र विपक्ष और सरकार के बीच टकराव भरा होने की संभावना है। अंदर सदन में अनुपूरक बजट और विधेयक चर्चा का विषय रहेंगे, तो बाहर स्थायी राजधानी और जनसरोकार के मुद्दे सड़कों पर गूंजेंगे।