शिक्षकों ने सरकार पर लगाया हठधर्मिता का आरोप
राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल ने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर अल्मोड़ा में यह मौन जुलूस निकाला गया। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार शिक्षकों की न्यायोचित मांगों को नज़रअंदाज़ कर रही है और अब तक वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया गया।
उन्होंने सरकार पर हठधर्मिता (Stubbornness of Government) का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
राजकीय शिक्षक संघ की तीन प्रमुख मांगें
शिक्षक संघ ने अपनी तीन मुख्य मांगों को लेकर आंदोलन तेज किया है –
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शत प्रतिशत पदोन्नति (100% Promotion) सुनिश्चित करना
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प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती का विरोध (Against Direct Recruitment of Principals)
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स्थानांतरण प्रक्रिया (Transfer Process) जल्द शुरू करना
संघ का कहना है कि जब तक इन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलता रहेगा।
उग्र आंदोलन की भी चेतावनी
संघ के जिलाध्यक्ष ने साफ कहा कि जरूरत पड़ी तो शिक्षकों को उग्र प्रदर्शन (Aggressive Protest) करने से भी पीछे नहीं हटना पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए स्कूलों में शिक्षण कार्य सामान्य रूप से जारी रहेगा।
“सम्मान तब ही जब मांगे मानी जाएं”
संघ के जिला मंत्री राजू मेहरा ने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षक दिवस पर भले ही प्रदेश स्तर पर सम्मान समारोह आयोजित किए जा रहे हों, लेकिन वास्तविक सम्मान तभी होगा जब सरकार उनकी न्यायोचित मांगें पूरी करेगी।