रिपोर्ट– रवि गुप्ता
पीलीभीत।लिटिल एंजेल्स स्कूल में सुबह असेम्बली में बच्चों से बात करते हुए भारतीय योग संस्थान, उत्तर प्रदेश पूर्वी प्रान्त के उप प्रधान एवं मुक्ति धाम, पीलीभीत के अध्यक्ष सीए संजय अग्रवाल ने भारत की आजादी के १०० वर्ष पूरे होने पर २०४७ के स्वस्थ और धनवान युवा भारत वर्ष की अपनी भावी योजना की परिकल्पना पर प्रकाश डाला और विचार साझा किये।
इस अवसर पर सीए अग्रवाल ने विद्यालय प्रबंधक डॉक्टर संजीव अग्रवाल के साथ इन दिनों स्कूल में भारतीय योग संस्थान द्वारा लगाये गए शिविर में कक्षा 6 से 8 तक के चयनित सात विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों, विद्यालय के अन्य छात्रों एवं कालेज प्रबंधन की उपस्थिति में सम्मानित भी किया, जिन्होंने लगभग ३ मिनट तक वृक्षासन का प्रदर्शन किया था, जिसके आधार पर इन छात्रों का चयन किया गया था।
सीए अग्रवाल की लगभग ३ मिनट की वार्ता के मध्य वे सभी बालक, सीए अग्रवाल स्वयं और भा यो सं, पीलीभीत के जिला प्रधान सतीश शर्मा वृक्षासन में ही मंच पर खड़े रहे,
सीए अग्रवाल ने आगे कहा कि लगभग 22 वर्ष बाद 10 से 15 वर्ष का बालक लगभग 30 से 40 वर्ष का युवा होगा,जिसके हाथ में देश की बागडोर होगी,यदि आज से उस बालक अथवा आगामी वर्षों में जन्म ले रहे बालकों पर उनके अभिभावकों की सहमति से योजना बद्ध ढंग से काम किया गया तो हमारी युवा सेना देश को समृद्धि की ओर ले जायेगी और वर्ष 2047 में अपना भारत वर्ष खुशहाल सूचकांक (Happyness Index) में आज के 118 के बजाए प्रथम स्थान पर आ सकता है।उन्होंने अपने बारे में बताया कि पिछले लगभग ४० वर्षों से वे पीलीभीत में सीए की प्रैक्टिस कर रहे हैं, लगभग ३० वर्षों से भारतीय योग संस्थान के छात्र बने हुए हैं और लगभग २० वर्षों से निवेश सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं और अब जबकि उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियों का सम्यक निर्वहन प्रभु की कृपा से हो चुका है तो आज तक जो कुछ भी उन्हें समाज से मिला है, अपनी वानप्रस्थ अवस्था में बहुत से स्वस्थ एवं धनी भारतीय बनने में अपना अहर्निश सहयोग करके वापस देने की इच्छा रखते हैं।
अपनी योजना को कार्य रूप देने के बारे में उन्होंने चयनित बच्चों के अभिभावकों एवं विद्यालय प्रबंधन से खुल कर वार्ता करते हुए बताया कि यदि बच्चे और अभिभावक चाहेंगे तो चयनित बच्चे एक निःशुल्क सिस्टम के तहत आगामी लगभग 20–25 बर्षों तक उनसे जुड़े रहेंगे तथा अपनी दिनचर्या सामान्य रूप से चलाते रहेंगे एवं अपने जीवन का जो भी लक्ष्य उन्होंने बनाया हो उस पर काम करते रहेंगे इसमें कोई भी व्यवधान नहीं आयेगा बस अंतर इतना ही होगा कि उन्हें एक निश्चित दिनचर्या का पालन करते हुए उसकी रिपोर्टिंग दैनिक रूप से करनी होगी जिसके अनुपालन के पश्चात् उनका स्वस्थ, अनुशासित और धनवान होना कोई असंभव बात न होकर सौ प्रतिशत संभव बन जाएगा, इस प्रक्रिया से चयनित युवा व्यक्तिगत रूप से तो स्वस्थ और अमीर होगा ही साथ ही परिवार, समाज और देश भी लाभान्वित होगा ।