वादा:चम्पावत उत्तराखंड सरकार केेेेे द्वारा गरीबों के साथ छलावा
रिपोर्ट:दीपक शर्मा
चम्पावत – उत्तराखंड सरकार के द्वारा गरीबों के साथ छलावा किया जा रहा है चम्पावत जिले के सभी सस्ता गल्ला बिक्रेताओं की दुकानों मे बीते तीन चार वर्षों से चीनी और मिट्टी तेल सहित सभी योजना बन्द कर दी गई है।पहाड़ी क्षेत्रों मे कहीं कहीं अभी तक बिजली नही है। जिनको अन्धेरे मे राते काटनी पड़ती हैं। बीपीएल कार्ड वाले सबसे गरीब तबके के लोग होते हैं। सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए सरकार को जगाना बहुत जरूरी है। कई वर्षों से चली आ रही इस समस्या को सरकार को देखना चाहिए वह इसका निवारण जल्द से जल्द करना चाहिए। बिजली ना होने के कारण रात में ग्रामीण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है वह सांप बिच्छू जैसे जानलेवा जीवों का भी डर रहता है और उनके पशुओं को भी नुकसान है। उत्तराखंड सरकार वादे पर वादे करती है। लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं नजर आता सरकार को सोचना होगा कि किस तरह पहाड़ों पर गरीब लोग कठिनाई से जीवन व्यतीत कर रहे हैं। और इनकी सुध लेना बहुत जरूरी है।
हमारे प्रदेश में टिहरी बांध होने के बाद भी बिजली पानी की समस्या पहाड़ों में आम है । जिससे ग्रामीण लोगों को कठिनाई का सामना पड़ता है।उत्तराखंड सरकार के वादे एक से एक है लेकिन धरातल मे सब शून्य है। वर्तमान में देखा जाय तो वीपीएल परिवारों को प्रति यूनिट दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल दिया जाता है। क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता दीपक शर्मा का कहना हैै। कि उत्तराखंड सरकार को कठोर नियम बनाकर धरातलीय निरीक्षण कर पीडीएस प्रणाली की समय समय पर जांच कर पीडीएस प्रणाली पर ध्यान दिया जाय।