नीरजा देव भूमि चैरिटेबल ट्रस्ट ने निराश्रित जानवरो के लिए कांजी हाउस की मांग की
ऋषिकेश/ ऋषिकेश में निराश्रित और आवारा गोवंश को स्थाई तौर और ठिकाना ना मिलने के कारण खुद भी चोटिल होना पढ़ रहा है और वह दूसरों को भी चोटिल कर रहे हैं। मेरी आदत रही है कि सड़क के बीचो बीच बैठे गोवंश को सड़क के दूसरी छोर पर पहुंचाना। मगर आज एक घटना ने मन को द्रवित कर दिया। पुरानी चुंगी मार्ग पर एक गोवंश जो निराश्रित है एक भारी-भरकम वाहन से टकराते हुए बचा। यह घटना सिर्फ एक ही मार्ग की नहीं है अपितु नगर के कई मार्गों में यह घटना घटती है। सवाल तो यह है कि जिम्मेदार विभाग नगर निगम ऋषिकेश क्यों इस जनहित के मुद्दे पर कदम नहीं उठाता। नगर निगम ऋषिकेश जब जनहित के कामों को प्राथमिकता से करने का दावा करता है तो क्यों नगर में एक कांजी हाउस बनाने की दिशा में कदम नहीं उठाता। ऐसा नहीं है कि नगर निगम के पास संपत्ति की कमी है। क्या इन निराश्रित और आवारा गोवंश ओं की पीड़ा नगर निगम को नहीं रुलाती।
कोविड कर्फ्यू में मेरी ट्रस्ट की ओर से इन गोवंश को जगह-जगह चारा दिया गया। मगर वास्तविक तस्वीर यह है कि पर्याप्त मात्रा में चारा ना होने पर इन्हें कूड़ा करकट खाने पर मजबूर होना पड़ता है। क्या नगर निगम माता का दर्जा पाए गोवंश के लिए कांजी हाउस की व्यवस्था भी नहीं कर सकता।