डोईवाला। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुधवार की सुबह डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धर्मुचक स्थित अंबेडकर चौक के पास एक अनौपचारिक बैठक की गई, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर योजनाओं पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुनानक जयंती के अवसर पर तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर देशभर के किसानों में कहीं खुशी का माहौल है तो कहीं अभी भी नाराजगी है। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसानों द्वारा सरकार के खिलाफ बीते 1 वर्ष से आंदोलन चलाया जा रहा था जिसमें 800 से भी अधिक किसानों को आंदोलन के चलते अपनी जान गवानी पड़ी।
गुरु नानक जयंती के अवसर पर जब पीएम मोदी द्वारा तीनों किसी कानूनों को वापस लेने की घोषणा की गई तब देशभर के किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। लेकिन अभी भी ऐसे बहुत से आंदोलनकारी किसान मोर्चा और किसान है जिनमें पीएम को लेकर नाराजगी है। उन किसानों का कहना है की आंदोलन में अपनी जान गवा बैठे किसानों को शहीदी का दर्जा नहीं मिलता और जब तक संसद में यह बिल वापिस नही हो जाता तब तक यह आंदोलन यूं ही जारी रहेंगे और किसानों में नाराजगी बनी रहेगी।
गाजीपुर संयुक्त मोर्चा प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि देशभर में चल रहा है किसान आंदोलन में उत्तराखंड के किसानों का भी बहुत बड़ा योगदान है जिसमे डोईवाला क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों का बहुत सहयोग मिला है। पीएम मोदी द्वारा तीनो कानूनों को वापस लेने की सिर्फ घोषणा की गई है जब तक संसद में यह कानून वापस नहीं हो जाते तब तक सुचारू रूप से आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा कि सब जगह बैठक हो रही है और सब जगह के विचार मिल जाए इसी उद्देश्य से यह डोईवाला में भी बैठक आयोजित की गई है ताकि सब के सुझाव पर विचार हो सके और आगे की बैठक के लिए प्रभावी रणनीति बन सके।
किसानों द्वारा पीएम को पत्र लिखा गया है जिसमें और भी किसानी मुद्दे हैं जैसे कि इस बीच किसानों पर मुकदमे हुए हैं, किसान शहीद हुए हैं लखीमपुर खीरी कार्ड के जो दोषी है वह मंत्रिमंडल में बैठे हुए हैं उस पर का सरकार का रुख है और सरकार उस पर क्या कार्रवाई करेगी, एमएसपी की कानूनी गारंटी, पराली का विषय जैसे मुद्दे है।
बैठक में मुख्य रूप से जगजीत सिंह बाजवा, सुरेंद्र खालसा, मोहित उनियाल, गुरदीप सिंह, आरिफ अली आदि मौजूद थे।