उत्तराखंड क्रांति दल ने आज कई दिनों से शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे शिक्षामित्रों को अपना समर्थन दिया और उनके समायोजन तथा मानदेय में बढ़ोतरी कराने की मांग को लेकर जमकर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सभी शिक्षामित्रों को एक साथ नियुक्त किया गया था लेकिन इनमें से कुछ शिक्षामित्रों को 45000 वेतन दिया जा रहा है, जबकि कुछ शिक्षकों को मात्र ₹15000 ही वेतन दिया जा रहा है।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने इसे भेदभाव करार दिया और सरकार की मनमानी बताया।
गौरतलब है कि इन शिक्षामित्रों ने 2 बैच में डीएलएड पास आउट किया है।
वर्ष 2015 में डीएलएड करने वाले शिक्षामित्रों को तो 45000 वेतन दिया जा रहा है, जबकि 2017 में डीएलएड करने वाले शिक्षामित्रों को मात्र ₹15000 दिए जा रहे हैं। इसके पीछे एनसीटीई की गाइड लाइन का हवाला अधिकारी दे रहे हैं, जिसके अनुसार 31 मार्च 2019 के बाद डीएलएड करने वालों को बढ़ा हुआ वेतन नहीं दिया जाना था, जबकि हकीकत यह है कि यह सभी शिक्षामित्र 2017 में ही डीएलएड प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं, ऐसे में इनका मानदेय न बढ़ाया जाना गले नहीं उतरता है।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने सरकार से मांग की है कि एक तो इनको पहले की तरह इनके मूल विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाए, इसके साथ ही नॉन टेट शिक्षामित्रों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए।
उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकारी जिलाध्यक्ष परवादून प्रमोद डोभाल ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र संज्ञान नहीं लिया तो उत्तराखंड क्रांति दल इनके पक्ष में आंदोलन में उतर जाएगा।
इस अवसर पर युवा मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष सीमा रावत सहित कई उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन में शामिल थे।