रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
पौड़ी। आज कल राजनीति में डॉक्टर हरक सिंह रावत के कारण भूचाल आ रखा है, कभी लैंसडाउन के नेता परेशान कभी चौबट्टाखाल के नेता परेशान।
आखिर कुछ नेता हरक सिंह रावत से परेशान क्यों है? उसका भी आपको कारण बताते हैं, जैसा कि सभी जानते हैं कि, हरक जहां से चुनाव लड़ते है वही विजय पताका लहराते है।
यदि बैक में देखा जाय तो हरक जहाँ के भी जनप्रतिनिधि बने उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किये लेकिन इस बार वो कोटद्वार विधानसभा से चुनाव लड़े और कांग्रेस से आने के कारण भाजपा सरकार ने उनकी एक न सुनी, जिसके कारण हरक अपने वादे जनता के लिए धरातल पर नही उतर पाए, जिससे हरक हमेशा परेशान रहे और अब खुद भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया और कांग्रेस भी लारे लपपे दिखा रही है।
हमारे द्वारा जब लैंसडाउन व चौबट्टाखाल की जनता से ग्राउंड जीरो पर पूछा गया तो जनता पूरी तरह से हरक सिंह के साथ होने की बात कर रही थी।
लैंसडाउन की जनता का कहना है कि, हरक सिंह की बहू अनुकीर्ति ने विगत कुछ वर्ष से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में कई कार्य ऐसे किये हैं, जिनके कारण स्थानीय जनता अनुकीर्ति को सक्रिय राजनीति में देखना चाहती है।
आपको बता दें कि, डॉक्टर हरक सिंह रावत ने लगातार दस साल लैंसडाउन विधानसभा से प्रतिनिधित्व किया और उस समय उनके द्वारा बहुत से ऐसे कार्य किये जिससे जनता आज भी हरक सिंह पर पूरा भरोसा करते हैं।
आप देखे तो लैंसडाउन में पंचायती धर्मशाला हरक की देन है, वही सतपुली डिग्री कॉलेज, सतपुली की अधिकतर सड़के, सतपुली मार्किट जो कभी कीचड़ में समाए रहती थी, आज वो हरक के कारण चकाचक है।
विधानसभा क्षेत्र में राजस्व पुलिस चौकियां, कई कॉलेज जो कभी टीन शेड पर निर्भर थे, आज वो पक्के कॉलेज बन चुके हैं ये भी हरक सिंह रावत की देन है।
अब आपको हरक सिंह की बहू अनुकीर्ति के बारे में बताते हैं, अनुकीर्ति का जन्म स्थान लैंसडाउन ही है। अनुकीर्ति मिस इंडिया रह चुकी है व सॉफ्टवेयर डिप्लोमा होल्डर है और शादी के बाद अनुकीर्ति ने ग्लेमर की दुनिया छोड़ समाजसेवा को चुना।
इसके लिए सबसे पहले अनुकीर्ति ने अपने ही मायके को चुना, आज लैंसडाउन विधानसभा के विभिन्न गांव में अनुकीर्ति द्वारा सिलाई, कम्प्यूटर कोर्स आदि लोगो को मुफ्त में मुहैया करवाये जा रहे हैं। जिसके कारण जनता अनुकीर्ति के कार्यो के कारण अनुकीर्ति को अपनी पहली पसंद बता रहे हैं।
अब कुछ समीक्षा हम आपको बता रहे हैं कि, आम जनता का कहना है कि, हरक चाहे दिन में चार बार पार्टी बदले हमे मतलब नहीं पर हरक के द्वारा किये गए कार्यो को नजर अंदाज नही किया जा सकता। इसलिये हम हमेशा ऐसे विकास पुरुष को जनप्रतिनिधि चाहते हैं। कुछ लोगो का कहना ये भी है कि, यदि हरक सिंह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनते तो उत्तराखंड आज उत्तनदण्ड नही बनता।
अब बात पते की एक और भी है कि, यदि भाजपा के मजबूत RCC के खम्बे सतपाल महाराज को केवल हरक ही टक्कर दे सकते हैं, बाकी कांग्रेस के किसी भी दावेदार में इतना दम नहीं कि वो महाराज को हरा सके।
लैंसडाउन विधानसभा की जनता अनुकीर्ति के पीछे विकास पुरुष हरक को देख रही है। जिसके कारण वो अनुकीर्ति को आगे देखना चाहती है।