दुःखद: मौत की वजह बनी खराब सड़कें। ओवरलोडिंग रोकने में असमर्थ प्रशासन
रिपोर्ट- सूरज लडवाल
चम्पावत। जिले के टनकपुर स्थित पंचमुखी धर्मशाला से 21 फरवरी को ककनई गाँव लौट रही बारात की मैक्स करीब रात 10 बजे सुखीढांग – डांडा मीनार मार्ग पर बूड़म के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना में मैक्स वाहन लगभग 500 मीटर गहरी खाई में समा गई। जीप में सवार 16 लोगों में से 14 की मौक़े पर मौत हो गई।
दुर्घटना क्षेत्र में नेटवर्क न होने के चलते पुलिस को करीब रात 10 बजे हुए एक्सीडेंट की जानकारी सुबह 3 बजे मिली । सूचना मिलने पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस , एसडीआरएफ और फायर सर्विस की टीमों द्वारा 02 घायलों को रेस्क्यू किया और अस्पताल पहुंचाया।
जिसके बाद थाना टनकपुर, कोतवाली चम्पावत, थाना रीठासाहिब, थाना पाटी, पुलिस लाइन चम्पावत, अग्निशमन केन्द्र टनकपुर व लोहाघाट और एसडीआरएफ की टीमों ने एक – एक कर सभी 14 ब्यक्तियों के शवों को खाई से निकाला। करीब 500 मीटर गहरी खाई में उतरना औऱ लोगों को रेस्क्यू करना इन टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य था। रेस्क्यू में स्थानीय निवासियों की मदद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बताते चलें कि, दुर्घटना में 07 पुरुष, 05 महिलाएं औऱ 02 बच्चों की मौत हो गई। इस हृदय विदारक दृश्य को देखने वाले हर ब्यक्ति की आँखें नम थी और यह दुःखद ख़बर सोसल मीडिया और समाचारों के माध्यम से आग की तरह समूचे जिले , राज्य औऱ देश में फैल गई। घटना को जिसने भी देखा और सुना हर उस ब्यक्ति की आँखें नम हो गई।
दुर्घटना के बाद जहाँ एक ओर देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित देश के तमाम जनप्रतिनिधियों ने शोक ब्यक्त किया , वहीं दूसरी ओर गाँव में शहनाई की गूँज के बाद मातम पसरा रहा। शादी की रौनक पलभर में ही गमगीन माहौल में बदल गई। हादसे में जिंदा बचे ड्राइवर के मुताबिक टायर में पत्थर आने से जीप अनियंत्रित हो गई थी, जिसकी वजह से दुर्घटना हुई।
धामी ने किया डांडा-ककनई का दौरा
हादसे के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डांडा – ककनई गाँव का दौरा किया । उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद का आस्वासन दिया और कहा कि, इस दुःख की घड़ी में पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा सड़क हादसा कई परिवारों को गहरे जख्म दे गया। जिसकी भरपाई करना संभव नहीं है। परिजनों से करीब 1 घंटे तक चली इस मुलाकात के बाद सीएम धामी देहरादून रवाना हुए।
10 सवारियों वाली जीप में कैसे हुए 16 लोग सवार
9 + 1 = 10 अर्थात नौ सवारियां और एक ड्राइवर में पास गाड़ी में 16 लोगों का बैठना और जीप का खाई में समा जाना प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है। जिसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि आंखिर टनकपुर से 16 लोगों को लेकर आ रही जीप तमाम चेकपोस्ट होने के बाद भी कैसे सरपट चली आयी। बड़ा सवाल तो ये है कि क्या इन चेकपोस्ट पर पुलिस मुस्तैदी से कार्य नहीं कर रही थी।
ख़राब सड़क और बदहाल नेटवर्क बना मौत का कारण
हादसे में जिंदा बचे ड्राईवर के मुताबिक जीप के टायर में पत्थर आने की वजह से हादसा होना बताया जा रहा है । अगर हम सड़क की बात करें तो विभाग के मुताबिक ये सड़क अभी यातायात के लिए सुचारू नहीं की गई है। लेकिन इसके बाद भी आँखिर क्यों इस मोटरमार्ग में वाहन दौड़ रहे हैं।
जो जिला प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है। हादसे में जिंदा बचे ड्राइवर के मुताबिक घटना स्थल पर नेटवर्क न होने के कारण रात करीब 10 बजे हुए हादसे की सूचना प्रशासन को सुबह 03:00 बजे मिलती है। जिसके बाद भी रेस्क्यू टीम के लिए नजदीक हॉस्पिटल के अभाव में घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाना चुनौतीपूर्ण कार्य रहा।
डांडा-मीनार मोटरमार्ग में बूड़म के समीप हुआ हृदय विदारक जीप हादसा समूके इलाके के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। पांच सालों में सड़क पर डामरीकरण होना चाहिए था जो नहीं हो पाया। अगर चम्पावत में इस बार कांग्रेस की सीट आएगी तो मैं सर्वप्रथम इस मोटरगार्ग पर डामरीकरण की प्रक्रिया पूरी करूँगा-हेमेश खर्कवाल (पूर्व विधायक व वर्तमान विधायक प्रत्याशी, कांग्रेस)
डांडा-मीनार मोटरमार्ग में बूड़म के समीप हुआ जीप हादसा हृदय विदारक था। जीप हादसे में 14 लोगों की मौत की भरपाई नहीं हो सकती है। इन मौतों के बाद मृतक आश्रितों के सम्मुख रोजी – रोटी का संकट भी मंडराने लगा है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को कम से कम पाँच लाख रुपये का मुवावजा देना चाहिए औऱ ओवरलोडिंग वाहनों पर शख्त कार्यवाही के निर्देश दिए जाने चाहिए।
कच्ची और खराब सड़कों की ओर राज्य सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। जो लगातार पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। सरकार को इस क्षेत्र में नेटवर्क ब्यवस्था और स्वास्थ्य ब्यवस्था पर काम करने की जरूरत है- धीरज लडवाल, सामाजिक कार्यकर्ता वर्तमान निर्दलीय विधायक प्रत्याशी ( विधानसभा लोहाघाट )