देहरादून। राज्य में जरूरी सेवाएं देने वाले देरी होने की वजह से सरकारी विभागों में 3 साल से अधिक समय से रिक्त पड़े पद समाप्त किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने पांचवी राज्य वित्त आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। यह खुलासा आयोग की सिफारिशों पर विधानसभा के पटल पर बुधवार को रखी गई कार्यवाही रिपोर्ट से हुआ पदों को समाप्त करने की आयोग की सिफारिश पर कार्मिक विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यह खर्च पर काबू के लिए सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने को सिफारिश भी माने गई है।
आयोग ने 2021-26 के लिए सरकार को 43 अहम सिफारिशें सौंपी थीं। इन सिफारिशों पर सरकार ने कार्यवाही रिपोर्ट सदन के समक्ष रखी। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई पंचम राज्य वित्त आयोग में तत्कालीन अपर सचिव वित्त भूपेश चंद्र तिवारी सदस्य सचिव थे और डॉ. एमसी जोशी व पूर्व आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत सदस्य बनाए गए थे। आयोग ने राज्य सरकार की अपनी सिफारिशें सौंप दी थीं।
रिपोर्ट के अनुसार आयोग ने खर्च पर नियंत्रण और समान कार्य वाले विभागों विलय होने की सिफारिश की।
जिन विभागों को कहीं भी समायोजित नहीं किया जा सकता है, आयोग ने उनके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना तैयार करने की सलाह दी। आयोग ने सिफारिश की कि जहां जरूरी उपयोगिता नहीं रह गई है, वहां चरणबद्ध ढंग से समाप्त की जानी चाहिए। सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार है।