चुनाव आयोग ने उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित किया। 21 जनवरी से 28 तक प्रत्याशियों को अपना नामांकन भरना होगा।
उत्तरप्रदेश में 7 फेज में
उत्तराखंड में 14 फरवरी
गोवा 14 फरवरी
पंजाब 14 फरवरी
मणिपुर 27 फरवरी ,3 मार्च
10 मार्च को काउंटिंग
दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कार्यक्रम की घोषणा करते हुए साफ तौर पर कहा कि, 4 राज्यो की मार्च में सरकार का कार्यकाल पूरा होना है। वही 1 का मई में होने जा रहा है।
कोरोना के हालातों को देखते हुए आयोग ने साफ तौर पर कहा कि इस बार हम तमाम ऐसे प्रयोग करेंगे, जिससे सही तरीके से चुनाव हो सके। उन्होंने माना कि, चुनाव कोरोना में सुरक्षित कराना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन क्षेत्र चुनाव कराना हमारी जिम्मेदारी है। 18.35 करोड़ वोटर इस बार वोट देंगे, 8.55 करोड़ से ज्यादा महिलाए वोट देंगी।
पोलिंग स्टेशन में सब कुछ कोरोना से बचाव की व्यवस्था होनी चाहिए। 699 पोलिंग स्टेशन होंगे।
हर विधानसभा में 1 महिलाओं के लिए पोलिंग स्टेशन होगा जो केवल महिलाओं के लिए होगा। ऐसा ही विकलांग वोटरों के लिए भी होगा।
आपराधिक छवि और मुकदमे वाले प्रत्याशियों के नाम जनता को बताने होंगे। साथ ही मीडिया में छपवाने होंगे। पार्टियों को अपने होम पेज पर भी देनी होगी जानकारी।
ख़र्चे को बढ़ाया गया है, तमाम प्रत्याशी अब 40 लाख तक खर्च कर सकेंगे। तमाम एजेंसियां पैसों और शराब के बेच इस्तेमाल पर रोक लगाएगी, सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
वहीं प्रत्याशी ऑनलाइन नामांकन भी भर सकेंगे। सुविधा ऐप के जरिए हो सकेगा ऑनलाइन नामांकन।
आयोग ने सीधे-सीधे कहा कि, संविधान कहता है कि, किसी भी तरीके से चुनाव को नहीं टाला जा सकता। जो भी चुनाव होने हैं या फिर सरकार होनी है, वह केवल 5 साल के लिए होनी है। उस को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
बर्खास्त , वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते की कार्यवाही देखिए आदेश
चुनाव आयोग ने कहा कि, सभी पोलिंग स्टेशनों को पूरी तरीके से सैनिटाइज किया जाएगा। साथ ही तमाम मतदाता भी हाथों में ग्लब्ज पहन कर और मास्क पहन कर ही वोट देने उत्तराखंड में 99.9 प्रतिशत जनता की पहली डोज और 83 प्रतिशत लोगो को दूसरी डोज लग चुकी है।
आयोग ने सभी प्रत्याशियों से अपील की है कि, अपने कैम्पेन डिजिटली चलाये। 15 जनवरी तक कोई रैली , जनसभा नही होगी, न नुक्कड़ सभा आयोजित होगी। जीत का जश्न भी नही मना सकेंगे।