रिपोर्ट- बलविन्दर सिंह सहोता
यंहा बात ऐसे ही अंधेर नगरी उत्तराखंड की हो रही है। क्योंकि राज्य में यंहा के राजा का किरदार उस अंधेर नगरी के चोपट राजा से बहुत मिलता है,जिसने हाल ही में उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद(UBTER) द्वारा उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल/ परिवार न्यायालयों के अंतर्गत समूह ‘घ’ भर्ती 2019 लगभग 400 पदों की भर्ती निकाली है, जिसमें शैक्षिक योग्यता आठवीं पास रखी गई और इस आवेदन के लिए बेरोजगार युवाओं से 600 रूपए का आवेदन शुल्क रखा गया। अब हास्यपद बात यह है कि हाई-कोर्ट लिपिक भर्ती के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 300 रुपए आवेदन शुल्क लिया जाता है व देश की सर्वोच्च परीक्षा करवाने वाला संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदन कर्ताओं से मात्र 100 रूपए परीक्षा शुल्क के रूप में लिया जाता है। अब ये कोनसा न्याय है कि जो लोग चपरासी,माली,ड्राइवर बनने को आवेदन कर रहे है उनसे 600 रुपये लिए जाए और एक ऑफिसर रेंक के लिए मात्र 100 रुपये लिए जाए। अब आपको ये सब जानकर भारतेंदु हरीशचंद्र की अंधेर नगरी चोपट राजा की कहानी याद नही आएगी तो क्या याद आएगी। शायद ये कहानी आज के दौर के उत्तराखंड की है जो उत्तराखंड के हाल बयां करती है, इस प्रदेश में अब सरकारी नोकरी तो नही रही ओर अर्थव्यवस्था की मार से हज़ारों फेक्ट्री बन्द होकर लाखो नोकरी और छीन ली जाती है और उसके बाद भी हमें उत्तराखंड का स्वर्णिम दौर दिखाया जाता है।
इस कहानी के किरदार उत्तराखंड के सीएम से बहुत मिलता है जिनका बस चले तो अस्पतालों में tv मरीजों के लिए एक-एक गाय का प्रबंध करे और सारे पेड़ कटवाकर उनमें गो-शाला खोलें आखिर गाय भी तो ऑक्सीजन छोड़ती है।
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