बड़ी खबर: यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही , पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं का लगा जाम, प्रशासन के छूटे पसीने
उत्तराखंड: उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं का जाम लग गया. सकरे रास्ते के बीच श्रद्धालु अपने स्थान पर कई घंटों तक धक्का-मुक्की के बीच खड़े रहे. शुक्रवार, 10 मई से यमुनोत्री यात्रा शुरू हुई. लेकिन इतनी तादाद में श्रद्धालु पहुंचे कि भीड़ पर काबू पाने में प्रशासन के पसीने छूट गए. 10 मई का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के जवानों ने स्थानीय युवकों की मदद से पैदल यात्रियों के जाम को 5 घंटे बाद खोलने में सफलता पा ली थी. लेकिन गाड़ियों के जाम की स्थिति बनी रही।वहीं आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक यात्रा व्यवस्था का जिम्मा देख रही पुलिस, होमगार्ड व पीआरडी के जवान पहले दिन तो भीड़ के चलते यमुनोत्री धाम तक नहीं पहुंच पाए।
चार धाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही तीर्थ स्थलों पर भारी भीड़ उमर रही है। क्राउड मैनेजमेंट को लेकर उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, यमुनोत्री धाम में पहले ही दिन 12 हजार से अधिक लोगों के पहुंचने के बाद सवालों का सिलसिला शुरू हो गया। यमुनोत्री धाम में भारी भीड़ उमड़ने के कारण जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रशासन में सूत्रों का कहना है यमुनोत्री हाईवे पर पालीगढ़ से जानकीचट्टी 30 किमी रोड की सिंगल लेन है और रास्ता काफी पतला है. जिसकी वजह से यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से लंबा जाम लग गया. प्रशासन का कहना है कि यहां हाईवे की मांग की है लेकिन हाई कोर्ट की आदेश अनुसार यहां डबल लेन रोड नहीं बन सकती. फिलहाल दोनों तरफ स्थिति को संभालने के लिए कोशिश की जा रही है।
लोग न आगे बढ़ रहे पा रहे थे, न पीछे जा पा रहे थे। ऐसे में श्रद्धालुओं को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। घोड़ा और खच्चर वाले अपने-अपने स्थान पर भी पहले दिन उतर नहीं पाए। पालकी वालों को भी कोई मदद नहीं मिली। चार धाम यात्रा में भारी भीड़ को देखते हुए पर्यावरणविद चिंतित नजर आ रहे हैं। वहीं, धामी सरकार में मंत्री सतपाल महाराज ने चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर नसीहत दी है।
उन्होंने कहा है कि श्रद्धालु सरकार के निर्देशों का पालन करें। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को भी सख्त हिदायत दी है कि अफसर ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा का विशेष ध्यान रखें। यात्रा तैयारी को पुख्ता बनाए रखने में अपना योगदान करें।
कपाट खुलते ही उमड़ा सैलाब
यमुनोत्री मंदिर के कपाट शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। इससे पहले शुक्रवार की सुबह मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली, खुशी मठ से अपने भाई शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम पहुंची। रोहिणी नक्षत्र की बेला में वैदिक मंत्रों के पाठ और विधि-विधान के साथ तीर्थ-पुरोहितों की उपस्थिति में सुबह 10:29 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इसके बाद श्रद्धालुओं का हुजूम यमुनोत्री धाम में उमड़ पड़ा।
पहले ही दिन कुल 12,913 भक्तों ने दर्शन किए। भक्तों की भारी भीड़ के कारण यमुनोत्री हाइवे पर जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले डोली वाहक भी किनारे पर बैठे नजर आए। उनका कहना है कि अभी दो-तीन दिन ऐसी ही भीड़ रहेगी। इसके बाद ही लोगों और डोली के चलने लायक स्थिति बन पाएगी। कुल मिलाकर 46,426 श्रद्धालु तीन धामों में दर्शन के लिए पहले दिन पहुंचे। सबसे अधिक केदारनाथ धाम में 29,030 श्रद्धालुओं ने कपाट खुलने के बाद बाबा केदार के दर्शन किए। वहीं, गंगोत्री धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5203 रही।
धाम यात्रा 2024 की विधिवत शुरुआत हो गई है। इस बार चार धाम यात्रा के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
पहले दो दिनों में श्रद्धालुओं ने केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पहुंचने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालुओं के कारण सरकार प्रशासन से लेकर
आम तीर्थयात्रियों तक को परेशानी हो रही है। यमुनोत्री
धाम में भीड़ उमड़ने के कारण हाइवे से लेकर पैदल रास्ते
तक जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। तीर्थ यात्री इसमें फंसे
रहे। बिना दर्शन करे ही उन्हें लौटना पड़ा।
यमुनोत्री धाम में
भारी भीड़ के कारण उत्तराखंड पुलिस ने श्रद्धालुओं के लिए
अपील जारी की है। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया है
कि रविवार को यमुनोत्री धाम की यात्रा स्थगित करें। पहले
ही वहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इस कारण
अगर आज तीर्थयात्री यमुनोत्री धाम की तरफ जाते हैं तो उन्हें
परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहां जाना जोखिम
भरा हो सकता है।