वर्तमान में पुलिस ही सरकार। पुलिसकर्मियो एवं अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे: बी.एस धोनी
रिपोर्ट-सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना में आज खुद को सुरक्षित रखने के लिऐ पूरा देश घरों में कैद है। पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है, और लॉकडाउन का उल्लंघन ना हो यह जिम्मेदारी निभा रही है। पुलिस साथ ही घर-घर जाकर लोगो को खाद्य सामग्री पहुंचा रही है। पुलिस कोई बीमार हो जाये उसे अस्पताल पहुंचा रही है, पुलिस अंतर्राज्यीय सीमाओं की सुरक्षा कर रही है, पुलिस चौक चौराहों गली गांवो की सुरक्षा कर रही है, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोक रही है। पुलिस वर्तमान में प्रदेश के मुखिया भी लॉकडाउन में है, तो सरकार की जिम्मेदारी पुलिस निर्वहन कर रही है।
कह सकते है कि, वर्तमान में सरकार पुलिस ही है। पुलिस तो हर किसी को सुरक्षित रख रही है, लेकिन पुलिस की सुरक्षा की चिंता ना ही तो सरकार को है और ना ही किसी राजनैतिक पार्टी को। पछ्वादून क्षेत्र के सैकड़ों पुलिसकर्मियो और अधिकारियों का बाईस मार्च से लेकर 28 अप्रैल तक कोरोना टेस्ट भी नही हो पाया है। जो कि चिंता का विषय है, और ना ही कोई ठोस व्यवस्था पुलिसकर्मियो को कोरोना से बचाने के लिऐ देखने को मिल रही है। आज हम आपको विकासनगर सीओ सर्कल की पुलिस सुरक्षा की स्तिथि का सच सामने ला रहे है। आखिर वैश्विक महामारी में पुलिस और अधिकारियों को कौन सुरक्षित रख रहा है। 200 किलोमीटर के दायरे में फैला विकासनगर सीओ सर्कल उसकी सुरक्षा करना खुद में एक बड़ी चुनौती है।
ऐसे में इतने बड़े क्षेत्रफल की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियो की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए है। पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह धोनी अपने हर सिपाही, हर सब इंस्पेक्टर, महिला सब इंस्पेक्टर, महिला सिपाही एलआईयू स्पेशल ब्रांच के सैकड़ों पुलिसकर्मियो और अधिकारियों की सुरक्षा कैसे की जाती है। इसका उदाहरण है सी ओ भूपेंद्र सिंह धोनी भूपेंद्र सिंह धोनी रात दिन क्षेत्र में घूम घूमकर 10 लाख की आबादी को कोरोना संक्रमण से तो बचा ही रहे है। साथ ही अपने सैकड़ों पुलिसकर्मियो के स्वास्थय के प्रति भी बहुत गंभीरता से काम कर रहे है। विकासनगर कोतवाली में 9 सब इंस्पेक्टर 2 महिला सब इंस्पेक्टर, 4 हैड कॉन्स्टेबल, 72 कांस्टेबल, 5 महिला कॉन्स्टेबल, 35 होमगार्ड के जवान सत्रह पी आर डी के जवान आज तक किसी का भी कोरोना टेस्ट नही हुआ।
वही सहसपुर थाना क्षेत्र की बात की जाये एक ट्रेनी आईपीएस अधिकारी 7 सब इंस्पेक्टर, 2 महिला सब इंस्पेक्टर एक उपनिरीक्षक विशेष श्रेणी एक हैड कॉन्स्टेबल 42 कॉन्स्टेबल 8 महिला कॉन्स्टेबल 28 होम गार्ड 14 पीआरडी के जवान किसी का भी कोरोना टेस्ट नही हुआ और ना ही जरूरी सुरक्षा उपकरण ही सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए। तो वही सेलाकुई थाने की बात करे एक थानाध्यक्ष 2 सब इंस्पेक्टर एक महिला सब इंस्पेक्टर 14 कॉन्स्टेबल 2 महिला कॉन्स्टेबल 15 होमगार्ड के जवान किसी का भी कोरोना टेस्ट नही हुआ। हालात यहां भी ऐसे ही कालसी थाना क्षेत्र पूरा पहाड़ी क्षेत्र है। यहां एक थानाध्यक्ष एक सब इंस्पेक्टर एक महिला सब इंस्पेक्टर एक हैड कॉन्स्टेबल 15 कॉन्स्टेबल 4 महिला कॉन्स्टेबल होमगार्ड 15 किसी का भी कोरोना टेस्ट नही हुआ।
बताते दें कि, चकराता थाना क्षेत्र भी पूरा पहाड़ी क्षेत्र है। यहां पर एक थानाध्यक्ष एक सब इंस्पेक्टर एक हैड कॉन्स्टेबल 08 कॉन्स्टेबल, 07 होमगार्ड के जवान किसी का भी कोरोना टेस्ट नही हुआ और ना ही कोरोना से बचाने के लिऐ जरूरी सामान उपलब्ध करवाया गया। त्यूनी थाना उत्तराखंड का आखिरी थाना है जो कि, अंतर्राज्यीय सीमा पर स्तिथ है। यहां एक थानाध्यक्ष 13 कॉन्स्टेबल और 2 होमगार्ड है। लेकिन यहां भी अब तक किसी भी पुलिसकर्मी का कोरोना टेस्ट नही हुआ। तो वही बात करे एलआईयू और स्पेशल ब्रांच व अन्य इंटेलिजेंस के 15 से अधिक सब इंस्पेक्टर और सिपाहियों की जो कि घर-घर गली-गली गांव गांव जाकर कोरोना संक्रमित कोरोना संदिग्धों को ढूँढ रहे है। उन्हें क्वारंटाइन कराना आइसोलेशन सैंटर में भेजना लेकिन इनका भी कोरोना टेस्ट नही हुआ।
ऐसे में सभी थानाध्यक्ष सभी सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को सुरक्षित रखने के लिऐ मोर्चा संभाला। पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह धोनी ने इनके द्वारा हर पुलिसकर्मी तक कोरोना वायरस से बचाव के लिऐ अपने माध्यम से इन्तेजाम किये गए और हर एक अधिकारी और सिपाही से रोज उनका कुशल क्षेम पता करना, हर थाना क्षेत्र की निगरानी करना पुलिसकर्मियो के पास कोरोना वायरस से बचाव के लिऐ मास्क सेनेटाइजर पहुंचाना, जरूरी सामान पहुंचाना जिससे किसी भी पुलिसकर्मी को कोई परेशानी ना हो। इसका पूरा ख्याल सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी द्वारा एक अधिकारी बनकर नही एक अभिभावक बनकर रखा जा रहा है।
आज सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी का पुलिस सेवा का लंबा अनुभव ही काम आया जो 5 अंतर्राज्यीय बॉर्डर लगभग 150 किलोमीटर पड़ोसी राज्य हिमाचल की सीमाओं की सुरक्षा उत्तरप्रदेश की सीमाओं से लगे सीओ सर्कल की सुरक्षा करना यह उनके अनुभव कड़ी मेहनत और समर्पण भाव से ही संभव हो पाया है, और कोई भी संक्रमित व्यक्ति व वस्तु को क्षेत्र में प्रवेश नही करने दिया गया और लगभग 10 लाख की आबादी वाले क्षेत्र को कोरोना संक्रमण फैलने से बचाया गया। साथ ही फ्रंट लाइन वारियर की भूमिका अदा कर रहे अपने किसी भी पुलिसकर्मी को संक्रमण से भी बचाये रखा उनके इस त्याग और बलिदान की वजह से ही आज पूरा पछ्वादून और जौनसार बावर सुरक्षित है साथ ही क्षेत्र के पूरे पुलिस महकमे की सुरक्षा का दायित्व भी बखूबी निभाया।