प्राधिकरण के बोझ से परेशान वृद्ध ने जहर खाकर दी जान
— प्राधिकरण से परेशान होकर जान देने वालों की संख्या बढ़कर हुई दो
बागेश्वर: राजू परिहार
बागेश्वर जनपद में प्राधिकरण के दबाव से परेशान होकर एक और व्यक्ति ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली। मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में उसने प्राधिकरण से परेशान होने का जिक्र किया है।इसके लिए उसने प्राधिकरण के एक पूर्व अभियन्ता को भी ज़िम्मेदार ठहराया है।
बागेश्वर जनपद में जिलाधिकारी कार्यालय से लगे मनोहरबुंगा गांव के 66 वर्षीय कल्याण सिंह रावत पुत्र स्व0 श्री भवान सिंह रावत द्वारा जहर का सेवन कर आत्महत्या कर ली। मृतक द्वारा एक नोट भी छोड़ा गया है जिसमें उसने अपने इस कदम के लिए विकास प्राधिकरण को जिम्मेदार बताया है। मृतक ने सुसाइड नोट में प्राधिकरण के सहायक अभियंता रहे त्यागी का नाम उल्लेखित किया है।
मृतक 1980 में बने अपने जीर्णशीर्ण मकान का पुनर्निर्माण करा रहा था जिसका कार्य प्राधिकरण द्वारा रुकवा कर दस हजार रु का जुर्माना लगा दिया गया। जिससे परेशान होकर उसने आज आत्महत्या कर ली।अभी कुछ दिन पूर्व ही बागेश्वर के ही एक और व्यक्ति देवकीनंदन भट्ट द्वारा प्राधिकरण की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।बागेश्वर में अभी तक का यह दूसरा मामला है। प्रशासन अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठ तमासबीन बना हुआ है। जिसके चलते क्षेत्र में गहरा रोष है। वहीं लोगों द्वारा अस्पताल परिसर में प्राधिकरण के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी भी करी। इस पर मृतक के भाई जीवन सिंह, प्राधिकरण हटाओ मोर्चा के ज़िलाध्यक्ष इंजीनियर प्रमोद मेहता, रमेश पाण्डे कृषक, सुनील पाण्डे, घनश्याम, जगदीश, दिनेश रावत आदि रहे।
वंही राहुल गोयल,सचिव विकास प्राधिकरण का कहना है कि
इनका मामला वर्ष 2016 से तात्कालिक विनियमित क्षेत्र से सम्बंधित रहा है। विकास प्राधिकरण के बाद मामले की विधिवत गहनता से सुनवाई की गई। अभी 07/08/2019 को सभी साक्ष्यों के आधार पर निर्माणाधीन आवासीय भवन को धवस्तीकरण का निर्णय लिया गया था। क्यूँकि जहाँ पर आवासीय भवन निर्माणाधीन था वह नदी तल से महज़ 30 मीटर की दूरी पर है, वहाँ की भूमि महायोजना के अन्तर्गत आवासीय प्रयोजन की नही है, वो केवल कार्यालय प्रयोजन मात्र की है। लिहाज़ा नियमों के अनुसार आवासीय भवन का निर्माण पूरी तरह से नियमों के ख़िलाफ़ है।