उत्तराखंड में वन विभाग ही लगातार अंधाधुंध पेड़ो की कटाई करने में लगा हुआ है। लगातार उत्तराखंड मे हरे भरे पेड़ों की कटाई जारी है।
वनों की सुरक्षा करने वाला वन विभाग स्वयं ही पेडों की कटाई पर लगा हुआ है तो वह आमजन मानस को कैसे रोक पायेगा। जब पेड़ो की सुरक्षा के लिये रखे रक्षक ही बन बैठे भक्षक ।
ताजा मामला चकराता वन विभाग के अधिकारियों का सामने आया है जहां वन विभाग अधिकारियों ने चार हरे पेड़ों खैर, सागौन, रबड़ व कुकाट को बिना अनुमति के कटवा दिया।
आपको बता दें कि चकराता वन प्रभाग के आसन बैराज में हर वर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। विदेशी परिंदों की आने की वजह से वृक्षों का पातन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर रखा है । यहां पर विभाग का ट्रेनिंग सेंटर भी है।
बात यही खत्म नहीं होती है,वन विभाग अधिकारियों ने 4 पेड़ों की कटाई के बाद मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी देना उचित नहीं समझा। और बात जब जांच पर आई तो जुबान सील दी।
स्थानीय अधिकारियों की हरकत ने विभागीय उच्च अधिकारियों के ऊपर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं विभाग के उच्च अधिकारी मामले की जानकारी न होने की भी बात कह रहे हैं।
जबकि एसडीओ चकराता बीपी सकलानी का इस मामले में कहना है कि उन्होंने डीएफओ के निर्देश पर मामले की जांच की है और कहा कि वृक्षों का बिना किसी अनुमति के कटान किया गया है।
वन विभाग की इस करतूत की वजह से ही पूरे विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े होते हैं।