विधायक अग्रवाल के चुनाव प्रमाण पत्र को निरस्त की मांग।
उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के चुनाव प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की गई है।
अग्रवाल पर चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से पैसे निकालकर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लोगों को बांटने का आरोप लगा है। ये मामला हाईकोर्ट तक पहुँच गया है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने मामले में अग्रवाल के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 24 घंटे के भीतर रजिस्ट्री द्वारा लगाए गए आपत्तियों को ठीक करने और साथ ही आयोग को मामले की जांच कर जांच सही पाए जाने पर अग्रवाल का चुनाव प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश दिए हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऋषिकेश निवासी कनक धनै ने चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि प्रेमचंद अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब पांच करोड़ रुपए निकालकर लोगों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बांटा है, जिसकी स्वीकृति विधानसभा सचिव द्वारा दी गयी है. ये डिमांड ड्राफ्ट ₹4,975 के बनाए गए हैं, जिनमे 3 फरवरी और 9 की तिथि डाली गई है। ये डिमांड ड्राफ्ट उन्होंने सबूतों के तौर पर अपनी याचिका में लगाये गए हैं।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 24 घंटे के भीतर रजिस्ट्री द्वारा लगाए गए आपत्तियों को ठीक करने के आदेश दिये हैं। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच की जाए और जांच सही पाए जाने पर उनका चुनाव प्रमाण पत्र को निरस्त किया जाए। याचिकाकर्ता ने अपनी चुनाव याचिका में राज्य सरकार, चुनाव आयोग भारत सरकार, राज्य चुनाव आयोग, विधानसभा स्पीकर, जिला निर्वाचन अधिकारी देहरादून, एसडीएम ऋषिकेश, जिला कोषागार अधिकारी और प्रेमचंद अग्रवाल को पक्षकार बनाया है।