क्या इस निर्भीख अधिकारी को न्याय मिलेगा?
थानाध्यक्ष राठी का क्या है कसूर।
वीडियो हुआ वायरल।
रिपोर्ट-अमित तोमर
एक और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को मिली ईमानदारी की सज़ा। कैसे हो नौकरी साहिब जब छुटभैया नेताओं के सामने बड़े अधिकारी नतमस्तक हो अपने ही ईमानदार अफसरों की बलि चढ़ा देते है?? ऐसी खबरों से अब दुख नही होता अपितु घिन्न आती है
तीन दिन पूर्व एक कैबिनेट मिनिस्टर का चेला जो कुमाऊं क्षेत्र का छुटभैया नेता महेंद्र सिंह अधिकारी है नैनीताल के मल्लीताल थाना क्षेत्र में NO ENTRY में घुस गया। शासन के आदेशानुसार यह प्रतिबंधित मार्ग है परंतु छुटभैया नेता की हनक ऐसी की वो जानबूझ कर अपनी कार से उसी रास्ते मे घुसा क्योकि उसे यकीन था कि उसके राजनैतिक रसूख के कारण भारत का कानून उसपर लागू नही होगा। पुलिस ने रोका तो थानाध्यक्ष राहुल राठी समेत अन्य पुलिसकर्मियों से अभद्रता पर उतर आया। थानाध्यक्ष राठी का बस इतना कसूर कि वो अपनी ड्यूटी पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ कर रहे थे और इस छुटभैया का चालान काटने लगे। छुटभैया नेता ने अपने आका कैबिनेट मिनिस्टर को फोन लगाया और कैबिनेट मिनिस्ट ने DIG कुमाऊं को इस कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी को सज़ा देने का फरमान सुना दिया। बहुत दुखद है जब आला अधिकारी ही अपने करत्वनिष्ठ अफसरों को ईमानदारी से नौकरी करने की सज़ा सुना दी। सज़ा के रूप में थानाध्यक्ष राहुल राठी को पिथौरागढ़ ट्रांसफर कर दिया गया और इस प्रकार से एक छुटभैया नेता गलत होकर भी सही हो गया और एक ईमानदार अफसर सही होकर भी गलत सिद्ध कर दिया गया।
यदि खाकी इसी प्रकार खादी से हारती रही तो वो दिन दूर नही जब पुलिसकर्मी इतने हतोत्साहित हो जाएंगे कि वो कर्तव्यपरायणता का मार्ग छोड़ वही बन जाएंगे जैसा खादी चाहती है।