2022 विधानसभा चुनाव में जहां एक और कांग्रेस अपनी हार से अभी तक उभरी नहीं है,तो वहीं दूसरी और भाजपा सरकार ने अपनी 23 सीटों पर मिली करारी हार की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई है।
जी हां आपको बता दें कि 2017 के मुकाबले कांग्रेस सरकार ने 2022 विधानसभा चुनाव में अच्छी जीत हासिल की है तो वहीं दूसरी और भाजपा सरकार ने 2017 के मुकाबले 2022 विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत तो पाया है, लेकिन भितरघाती की वजह से मिली 23 सीटों की हार को लेकर भाजपा सरकार में चिंता का विषय बना है।
आपको बता दें कि 23 सीटों पर हारी भाजपा समीक्षा में जुट गई है।हार की समीक्षा को वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी में सौंप दिया गया है। और यह सभी वरिष्ठ नेता 1 अप्रैल को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेंगे।
भाजपा में विधानसभा चुनाव के दौरान हारे हुए प्रत्याशियों ने आरोप लगाए थे कि हम पार्टी में हुए भीतरघात की वजह से अपनी सीटों पर हारे हैं।और हरिद्वार की तमाम विधानसभा सीटों पर मिली हार पर पार्टी के नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ नेताओं पर ही सवाल खड़े किए थे ।
प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व ने उन सभी विधानसभाओं पर खास नजर बना रखी है जहां पर भाजपा के प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है।
और आपको बता दें कि 13 पदाधिकारियों को विधानसभा क्षेत्र की हार की समीक्षा करने का जिम्मा सौंपा है।जिसमें पुष्कर काला बद्रीनाथ और प्रताप नगर की समीक्षा करेंगे।विनय रुहेला यमुनोत्री व चकराता की, सुरेश भट्ट हरिद्वार ग्रामीण लक्सर, कुलदीप कुमार ज्वालापुर और पिरान कलियर, डॉक्टर देवेंद्र भसीन व वीरेंद्र सिंह बिस्ट झबरेड़ा व भगवानपुर, अनिल गोयल खानपुर व जसपुर, मयंक गुप्ता जसपुर बाजपुर, सुरेश जोशी किच्छा व नानकमत्ता, बलवंत खटीमा व लोहाघाट, खिलेंद्र चौधरी पिथौरागढ़ धारचूला, बलराज पासी व केदार जोशी अल्मोड़ा व हल्द्वानी विधानसभा की समीक्षा करेंगे।
साथ ही भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्राची के कारणों का 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समाधान करने का प्रयास करेंगे।