उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जिला एवं सत्र न्यायधीश धनन्जय चतुर्वेदी के निलंबन आदेश और जांच संबंधी चार्जशीट को रद्द करने का निर्णय लिया है। इसमें न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने 29 दिसम्बर को धनन्जय चतुर्वेदी की याचिका की सुनवाई की थी।
रजिस्ट्रार जनरल ने उन्हें 24 जुलाई 2023 के आदेश से निलंबित किया था, और धनंजय चतुर्वेदी ने बीते वर्ष 10 अगस्त को चार्जशीट को चुनौती दी थी। उन पर आरोप था कि उनके न्यायिक कार्यक्षेत्र में हुई रिकॉर्डिंग हाईकोर्ट के नियमों का उल्लंघन है, और उन्होंने महिला कर्मचारी की कॉल डिटेल प्राप्त की, जो निजता और व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन है।
इस मामले में अधिवक्ता हेम वशिष्ट ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार विजिलेंस और मुख्य न्यायधीश को शिकायत की, जिसमें रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव भी शामिल थी। शिकायत में धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित करने की प्रक्रिया के दौरान कई तकनीकी अवैधताएं बताई गई हैं, जैसे कि शिकायत पत्र की अजूबाजू में हस्ताक्षर न होना और उसमें तारीख की अभाव।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि इस मामले में साजिशन फंसाया गया है और ग्रुप डी कर्मचारी मनीषा सती का आचरण संदेहास्पद है, और उसका उपयोग विवाद को बढ़ाने के लिए किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि इस साजिश के पीछे वरिष्ठता के विवाद का आंशिक हिस्सा हो सकता है।