आपको बता दें कि उमेश कुमार पत्रकारिता के दौर से ही देश के चर्चित पत्रकारों में शुमार हैं जो अपनी बेबाकी औऱ भृष्टाचार के मुद्दों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं ।
पत्रकारों के लिए बने ठोस नीति-
विधानसभा सत्र में राज्यपाल ने अपना अभिभाषण दिया जिसमें सरकार की क़ई योजनाओं का जिक्र किया जिस पर उमेश कुमार ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि सरकार सही तरीके से अपना एजेंडा औऱ अपना प्रारूप नही रख पाई है। उन्होंने पत्रकारो के मुद्दे उठाते हुए पत्रकार कल्याण कोष का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना तो की पर उससे कितने पत्रकार लाभान्वित हुए ? ये भी सरकार को बताना चाहिए। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रति सरकारें संवेदनशील नही रही है। इसके लिए एक ठोस नीति बनाई जानी चाहिए।
रोजगार स्वरोजगार पर भी जमकर घेरा सरकार को।
वही रोजगार स्वरोजगार पर भी उमेश कुमार ने सवाल उठाए उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के आंकड़ों को लेकर कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण में ई रिक्शा के लिए 9 प्रतिशत ब्याज पर लोन की बात पर उमेश कुमार ने कहा कि सबसे गरीब तबके के लिए ये ब्याज दर बहुत ज्यादा हैं औऱ इतनी ब्याज दरों पर तो कोई भी बैंक लोन दे देगा। कुलमिलाकर उमेश कुमार ने कहा कि ऐसे अभिभाषण से सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपा रही है असल मे ये जनमुद्दों से मेल खाता हुआ अभिभाषण नही है।
ख़ानपुर क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को गम्भीरता से ले सरकार।
विधायक उमेश कुमार ने ख़ानपुर क्षेत्र के खादर में सोलानी नदी पर तटबंध न होने से हजारों किसानों की फसलें बर्बाद होने की बात भी उठाई। उन्होंने कहा कि आज भी मेरे क्षेत्र का किसान तटबंध न होने से परेशान है उसकी फसलें बर्बाद हो रही हैं । उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं के लिए सरकार को गम्भीरता से सोचना चाहिए । उन्होंने कहा कि तटबंधों के निर्माण के लिए वो लगातार कार्य करते रहेंगे।
पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत के कार्यकाल मे भृष्टाचार के मुद्दे पर भी जमकर उठाये सवाल-
आपको बता दें कि जब पत्रकारों ने विधायक उमेश कुमार से त्रिवेन्द्र रावत के मुख्यमंत्री कार्यकाल मे हुई घटनाओं पर पूछा तो उमेश कुमार ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं बिना दस्तावेज औऱ सबूतों के किसी पर कोई आरोप नही लगाता। उन्होंने कहा कि त्रिवेन्द्र रावत से मेरी कोई निजी दुश्मनी नही है। त्रिवेन्द्र रावत के खिलाफ भी तमाम सबूतों को देखते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे ।उन्होंने कहा कि एकबार फिर मेरे खिलाफ षड्यंत्र किया गया मेरी विधायकी रद्द करने को लेकर ये लोग हाईकोर्ट गए पर हासिल क्या हुआ ? उन्होंने कहा कि मैं तो सबूतों के आधार पर बात करता हूँ ।
कुलमिलाकर विधायक उमेश कुमार विधानसभा सत्र के पहले ही दिन फूल फॉर्म में बेटिंग करते हुए नजर आए और उन्होंने जनहित के मुद्दों को छूते हुए पत्रकारों से अपनी बातें साझा की । उनके इस एक्शन से ये तो तय हो गया कि उमेश कुमार इस समय एक मजबूत विपक्ष के रूप में आम जन मानस के मुद्दे सदन के अंदर औऱ बाहर लगातार उठाते रहेंगे।