2022 विधानसभा चुनाव में मिली कांग्रेस को करारी हार के तीन महीने बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने लालकुआं कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की। जिस दौरान कार्यकर्ताओं ने हरदा को मिली हार का कारण आपसी गुटबाजी को ठहराया।
आपको बता दें कि समीक्षा बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा हरीश रावत अपने लिए एक स्थायी विधानसभा सीट चुने। जहां से वह हर बार चुनाव लड़े और जीते साथ ही वहां की जनता के दुख दर्द में शामिल होकर उनकी सहायता करें।
कार्यकर्ताओं ने कहा प्रीतम सिंह समेत कई कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं, जिन्होंने अपने लिए एक स्थायी विधानसभा सीट चुनी है और वही से चुनाव लड़ते हैं और वह हमेशा जीतते हैं। जबकि हरीश रावत ऐसा नहीं करते हैं, जो कि उनकी हार का सबसे बड़ा कारण रहती है।
हरदा की मौजूदगी में कार्यकर्ता अपनी भड़ास निकालते नजर आए वहीं, कई बार टकराव की भी स्थिति देखने को मिली। हरदा के सामने ही कार्यकर्ता एक-दूसरे पर तंज कसते हुए नजर आए। हरदा की हार का सबसे बड़ा कारण गुटबाजी को कार्यकर्ताओं ने बताया । चुनाव के वक्त कांग्रेस अलग अलग गुटों में बटी हुई थी और कुछ लोग तो मात्र हरीश रावत को हराने के लिए ही साथ लगे हुए थे। तो कई विद्धवान कांग्रेस में भाजपा का प्रचार प्रसार कर रहे थे।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे कांग्रेस नेता थे, जो हरीश रावत के साथ केवल फोटो खिंचवाने का काम कर रहे थे।जबकि अंदरखाने मोहन सिंह बिष्ट को जीता रहे थे। और बताया कि विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के ही बड़े नेताओं ने मेहनत नहीं की जिसके चलते करारी हार का सामना हरीश रावत को करना पड़ा।
वहीं हरीश रावत ने कहा कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं ने उनको मेहनत से चुनाव लड़वाया, लेकिन वह तब भी हार गए। लेकिन वो लालकुआं की जनता के बीच आते रहेंगे। हार जीत लगा रहता है। लालकुआं की जनता और कार्यकर्ताओं को मिलने में काफी दिन हो गए, जिसके लिए क्षमा चाहते हैं।