उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। लगातार बंद हो रहे सरकारी स्कूल व घटती छात्र संख्या इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। लेकिन जब जिम्मेदारों से पटरी से उतरती शिक्षा व्यवस्था पर सवाल किया जाता है तो, या तो वह इससे बचते नजर आते है या फिर गोलमोल जवाब दे दिया जाता है।
बीते दिन अल्मोड़ा दौरे पर आए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खुद शून्य छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की बात कही है। मंत्री ने कहा कि जिन सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या शून्य हो चुकी है ऐसे स्कूलों को निश्चित रूप से बंद किया जाएगा। मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आज शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। कहा कि छात्र संख्या बढ़ने के बाद 104 नये कॉलेज संचालित किए गए है।
हाल ही में शासन की ओर से कुमाऊं मंडल के 7 स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। बंद होने वाले इन 7 माध्यमिक स्कूलों में 3 स्कूल अल्मोड़ा जिले के है। यही नहीं कई और स्कूलों पर बंदी की तलवार लटकी है। लेकिन सरकार के नुमाइंदों को जनहित के इन मुद्दों पर अब कोई दिलचस्पी नहीं दिखती। सरकारी स्कूलों में लगातार छात्र संख्या का घटना वही दूसरी ओर निजी स्कूलों में छात्र संख्या का बढ़ना सरकार की मंशा पर भी सावलियाँ निशान खड़े करता है।