आय से अधिक संपत्ति मामले में कुछ हफ्ते पहले दर्ज केस में विजिलेंस ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव व वर्तमान में उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव रह चुके आईएएस राम विलास यादव के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उनके खिलाफ यूपी शासन ने जांच कराने के लिए जरूरी दस्तावेज भेजे थे।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में तैनात रहे आईएएस अधिकारी राम विलास यादव पूर्व सपा की सरकार के काफी करीबी थे। उन्होंने अपने विभाग में कई अनियमितताएं की थी। सरकार के बदलते ही उन्होंने अपनी तैनाती भी बदल दी थी। लेकिन यूपी को अनियमितताओं के बारे में सूचना मिल गई। जिस पर यूपी शासन ने ही उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच कराने के लिए कहा। इस संबंध में उन्होंने पर्याप्त दस्तावेज भी भेजे। जांच में अनियमितताएं और आय से अधिक संपत्ति का मामला सही और सटीक पाया गया। विजिलेंस ने जांच शुरू की तो यादव ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने शासन से भी कहा कि विजिलेंस उनका पक्ष नहीं सुन रही है। इस पर विजिलेंस ने भी उन्हें अपना पक्ष रखने के
लिए बुलाया। लेकिन, यादव विजिलेंस में उपस्थित नहीं हुए।
विजिलेंस के देहरादून सेक्टर के एसपी धीरेंद्र गुंज्याल के मुताबिक उन्हें कई बार मौका दिया गया लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। इस पर शासन ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की थी। उन्हें जल्द ही बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जाएगा। इस प्रकरण में शासन की तरफ से भी निकट निगरानी की जा रही हैं।