देहरादून: कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर बड़ा बयान जारी किया है। अग्रवाल ने कहा कि भर्ती घोटाले में उनका कुछ लेना देना नहीं है और जो भी भर्तियां उनके कार्यकाल में हुई है वो सभी भर्तीया नियमानुसार हुई है।
उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा उनको दिल्ली तलब करने की खबरों को संचालित किया जा रहा है जो बेबुनियाद है।
उन्होंने कहा की 2 सितंबर को दिल्ली में बैठक है जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के लिए उनको नामित किया गया है। जिसको लेकर वह 2 सितंबर को दिल्ली जायेगे।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कुछ लोग षडयंत्र रच कर उन पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे है।
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा का गठन होने के बाद सभी लोगों ने आवश्यकता अनुसार नियम के तहत विधानसभा में नियुक्ति की है उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 8 हजार अभ्यर्थियों ने विधानसभा में विभिन्न पदों की नियुक्ति के लिए आवेदन किया गया था।
जिसमें 32 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था परंतु उसमें एक अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले जाने के कारण इस नियुक्ति पर रोक लग गई थी। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र की नियुक्ति नियम अनुसार हुई है और पुत्र की नियुक्ति से उनका कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने क्या किया वह कुंजवाल को मालूम है उसमें उनको कोई टीका टिप्पणी नहीं करनी है वह हरीश रावत क्या कह रहे है उससे भी उनका कुछ नहीं कहना है। उन्होने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 75 हजार करोड़ का कर्जा है और इससे निपटने के लिए सरकार केन्द्र सरकार के सहयोग से लगातार काम कर रही हैं।
विधानसभा में अपने करीबियों को भर्ती करवाकर कांग्रेस और बीजेपी सरकार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बार बार नियम से भर्ती करने की बात कह रहें है लेकिन नियम यें नहीं कहता की मंत्री, विधायक और खुद अपने रिश्तेदारों क़ो नौकरी दिला दी जाए भले ही नौकरी तदर्थ कही जा रही हो लेकिन इन्हें पक्का करने का अधिकार भी
विधानसभा क़ो ही मिला हुआ है।
इसलिए कभी भी पक्की सरकारी नौकरी मिल जाए तो नेता हो या उनके रिश्तेदार कोई मना करेगा क्या वही दोनों पूर्व अध्यक्ष बार बार कह रहें हैँ कि उन्होंने नेताओं के लोगो कि नौकरी लगाई लेकिन बड़ा सवाल यें हैँ कि क्या यें राज्य इन नेताओं और इनके रिश्तेदारों के लिए बना हुआ है।