उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले: डेयरी, सहकारिता, पर्यटन और पशुपालन योजनाओं को मिली मंजूरी
देहरादून, 18 जून 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड मंत्रिमंडल की अहम बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में सहकारिता, पशुपालन, डेयरी और पर्यटन विभागों से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने प्रेस वार्ता कर लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
सहकारिता विभाग में राज्य स्तर तक ऑडिट व्यवस्था

कैबिनेट ने ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक सहकारी समितियों के ऑडिट कराने के फैसले को मंजूरी दी है। इसके लिए उप निबंधक (ऑडिट) का एक नया **लेवल-11 का पद सृजित किया गया है, जिसे पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा।
बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत सौंदर्यीकरण को हरी झंडी
पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर **बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान** के तहत विभिन्न सौंदर्यीकरण कार्यों को मंजूरी दी गई। इनमें **आईएसबीटी सहित प्रमुख दीवारों पर कलात्मक चित्रण (आर्टवर्क)** शामिल है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
गंगा गाय योजना में बड़ा बदलाव
पशुपालन विभाग के महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई। अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को मिलने वाली **90% सब्सिडी वाली गाय योजना** को अब **डेयरी विभाग की ‘गंगा गाय योजना’** के साथ **मर्ज** कर दिया गया है। इससे अब **सामान्य वर्ग के लोग भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे**, हालांकि उनके लिए सब्सिडी की दर क्या होगी, इसका निर्णय **अगली कैबिनेट बैठक** में किया जाएगा।
पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती में राहत
प्रदेश में **पशुधन प्रसार अधिकारियों के 429 रिक्त पदों** को भरने की दिशा में भी अहम कदम उठाया गया। पहले इन पदों के लिए **दो वर्ष की प्रशिक्षण अवधि** अनिवार्य थी, जिसे अब घटाकर **एक वर्ष** कर दिया गया है। इससे भर्ती प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है।
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संक्षेप में कैबिनेट के प्रमुख निर्णय:
सहकारी समितियों के ऑडिट के लिए उप निबंधक (ऑडिट) का नया पद।
बदरीनाथ धाम में आर्टवर्क के जरिए दीवारों का सौंदर्यीकरण।
गंगा गाय योजना का दायरा बढ़ा, सामान्य वर्ग को भी मिलेगा लाभ।
पशुधन प्रसार अधिकारियों की प्रशिक्षण अवधि दो से घटाकर एक वर्ष की गई।
कैबिनेट के इन निर्णयों से राज्य में सहकारिता व्यवस्था पारदर्शी होने, धार्मिक पर्यटन के विकास को बढ़ावा मिलने, और **पशुपालन क्षेत्र में नई ऊर्जा आने की संभावना जताई जा रही है।