देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की कड़क और शानदार कार्यप्रणाली की एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने नज़ीर पेश की है,”कार्यवाही ऐसी जिसने आवाम के सामने क्लियर मैसेज दे दिया.. कि आम या ख़ास फर्क नहीं होगा” दरअसल चमोली-केदारनाथ हाईवे पर गोपेश्वर के जीरो बैंड के पास चेकिंग के दौरान लखनऊ में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के एक डीएसपी बिना नंबर प्लेट और लाल-नीली बत्ती लगाकर निजी कार से सफर करते मिले। पुलिस ने उन्हें रोककर कारण पूछा तो वह थानाध्यक्ष पर ही रौब झाड़ने लगे और उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने के लिए धौंस जमाने लगे।
लाल नीली बत्ती और रौब काम नहीं आया
चमोली पुलिस ने अनाधिकृत रूप से गाड़ी में लाल व नीली बत्ती लगाने और शीशे पर काली फिल्म लगाने पर एक डिप्टी एसपी के ड्राइवर का 1000 रुपये का चालान कर दिया। डिप्टी एसपी ने अपने पद का खूब रौब दिखाया, लेकिन यहां उनकी एक नहीं चली।
मामला गोपेश्वर थाना क्षेत्र के अंतर्गत का है। जीरो बैंड के पास गोपेश्वर थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान एक प्राइवेट कार तेज रफ्तार से आती दिखी। पुलिस ने कार को रोका। कार में लाल और नीली बत्ती लगी हुई थी। नंबर प्लेट भी अस्थायी थी, साथ ही शीशे पर काली फिल्म भी लगी हुई थी।
पुलिस ने कार चालक से लाल और नीली बत्ती को लेकर दस्तावेज मांगे तो वह नहीं दिखा पाए। तभी कार से एक व्यक्ति उतरा और खुद को उत्तर प्रदेश का डिप्टी एसपी बताते हुए रौब दिखाने लगा। वह पुलिस के उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे, लेकिन थानाध्यक्ष ने उनके वाहन का चालान कर दिया।
थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि प्राइवेट वाहन में बैठे व्यक्ति ने खुद को यूपी का डिप्टी एसपी बताते हुए बदसलूकी की। वाहन में नंबर प्लेट अस्थायी थी, नीली और लाल बत्ती लगाने के दस्तावेज भी नहीं थे, जिसके आधार पर वाहन के ड्राइवर का चालान किया गया, साथ ही चालक को काली फिल्म और लाल-नीली बत्ती हटाने की हिदायत भी दी गयी है।