भाजपा के लिए आसान नहीं आगामी चुनाव में चम्पावत की जीत
रिपोर्ट- सूरज लडवाल
चम्पावत। जोर-शोर के साथ 2022 चुनावों की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए 2022 कैसा होगा, इसकी चर्चा अब गाँव-गाँव , घर-घर में होनी शुरू हो चुकी है। अधिकांश लोगों का अनुमान है इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तैयारियों में पानी फिरने के संकेत नजर आ रहे हैं। एक ओर जहाँ बीजेपी अपनी तैयारी को दमदार मान रही है, तो दूसरी ओर 2022 में बीजेपी को जोर का झटका धीरे से लगना तय माना जा रहा है। बात करें अगर लोहाघाट विधानसभा की तो विधायक पूरन फ़र्त्याल ने टनकपुर जौलजीबी मोटरमार्ग में धांधली की बात कहते हुए अपनी ही सरकार को आड़े हाथों ले लिया है। जिसके बाद उन्हें सरकार द्वारा नोटिस दिया गया है।
टीजे मोटरमार्ग को लेकर हाल में लगातार सुर्खियों में रहे विधानसभा लोहाघाट के विधायक पूरन फ़र्त्याल का कहना है कि, टीजे मोटरमार्ग में ठेका आवंटन में भ्रष्टाचार हुआ है, और वो इस मुद्दे को शुरुवात से ही उठाते आए हैं। विधायक का कहना है कि, उन्होंने इस मुद्दे को डेढ़ साल पहले भी उठाया था। उस दौरान ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर दिया गया था। टेंडर निरस्त होते ही संगठन ने उन्हें शाबाशी दी। लेकिन अब उसी मुद्दे को विधानसभा में उठाने पर उन्हें अनुशासन हीनता का नोटिस दिया गया है। विधायक का कहना है कि, जिस ठेकेदार के दस्तावेज फर्जी हैं औऱ जिसके टेंडर पूर्व में वापस लिए जा चुके हैं। फिर उसी को ठेका मिलना दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी दाल के काला होने के संकेत हैं।
लेकिन वो अपनी आवाज को बुलंद करेंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा प्रथम पंक्ति में रहेंगे। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार के विधायक अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो सरकार द्वारा मामले की जाँच करने के बजाय विधायक को नोटिस थमाया जा रहा है। जिससे विधायक पूरन फ़र्त्याल अपनी ही सरकार से खफा नजर आ रहे हैं और अपनी भ्रष्टाचार विरोधी आवाज को हमेशा बुलंद रखने की बात भी कह रहे हैं। कुछ दिनों से लगातार सरकार के खिलाफ आवाज उठाकर सुर्खियों में रहे विधायक अब खुद भी घिरे नजर आ रहे हैं। विधायक के अपनी ही सरकार के खिलाफ आने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि, भाजपा के कुछ अन्य विधायक भी सरकार में फ़ूट का कारण बन सकते हैं।
जिनमें से अधिकांश विधायक अब मौके की तलाश में हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अवसर की तलाश कर रहे इन विधायकों के सम्पर्क में कांग्रेस के कई बड़े नेता भी हैं। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी या निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर सकते हैं। एक ओर जहाँ टीजे मोटरमार्ग मुद्दे को विधायक फ़र्त्याल इसे व्यक्तिगत मतभेद की लड़ाई नहीं बल्कि भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई बता रहे हैं, तो दूसरी ओर तमाम लोग इसे जिलापंचायत अध्यक्ष व विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों गुटों में हुए मतभेद की लड़ाई बता रहे हैं। बहरहाल विधायक फ़र्त्याल व उत्तराखंड के टॉप ठेकेदारों में शुमार दलीप सिंह अधिकारी ने मतभेद होने की बात को साफ तौर पर नकार दिया है।