केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर एक तरफ जहां कीचड़ श्रद्धालुओं को परेशान कर रहा है। तो वहीं, यात्रा के मुख्य पड़ाव सीतापुर में भारी गंदगी यात्रियों का स्वागत कर रही है। अब इसमें दोषी किसे मानें, क्योंकि गंदगी करने वालों में कुछ अपने हैं तो कुछ बाहरी।
यहां यात्रियों को भारी गंदगी के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है। सीतापुर पार्किंग में एक सप्ताह पुरानी गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और इस गंदगी के निकट ही यात्री अपनी रात गुजारने को मजबूर है। साथ ही यहीं खाना बना और खा रहे हैं।
गौर रहे कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के दावे धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। जहां पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान पर जोर दिया जा रहा है, तो वहीं, केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सीतापुर में स्वच्छ भारत अभियान के दावों की पोल खुल रही है।
यहां सीतापुर केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव है। केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के वाहन यहीं पर पार्क होते हैं, लेकिन पर्यटन विभाग की इस पार्किंग में कई दिन पुरानी गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसी गंदगी में यात्री जहां खाना बना रहे हैं, वहीं अपनी रात गुजारने को भी मजबूर हैं।
ऐसी स्थिति में यहां महामारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है। केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्री भी इस व्यवस्था से खुश नहीं हैं और उनमें भारी आक्रोश है। जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह बताते हैं कि केदारनाथ आपदा से पहले सफाई व्यवस्था का जिम्मा जिला पंचायत के पास था और यात्रा पड़ावों में फैली गंदगी को हर दिन साफ किया जाता था, लेकिन अब आपदा के बाद से पूरी व्यवस्थाएं जिला पंचायत से हटाकर जिला प्रशासन को सौंपी गई।
ऐसे में यहां अव्यवस्थाएं फैल गई हैं और समय से कोई भी काम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा में भारी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं और उन्हें जगह-जगह मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि प्रशासन को समय रहते व्यवस्थाओं में सुधार लाने की जरूरत है।